गूगल ने शिक्षा व बिजनेस को टार्गेट कर भारतीय बाजार में उतारा XOLO Chromebook
बिजनेस और शिक्षा है इसके लॉन्च का उद्देश्य
गूगल ने क्रोमबॉक्स को बिजनेस के उद्देश्य से लॉन्च किया है. इस क्रोमबॉक्स को वीडियो मीटिंग की उपयोगिता के उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसकी कीमत 90,000 रुपये है और इसको भारत के लिए आसुस की ओर से बनाया जाएगा. क्रोम OS की ग्लोबल प्रोडक्ट मैनेजर स्मिता हाशिम कहती हैं कि HP और Acer क्रोमबॉक्स बना रहे हैं, जिसे युरोप में बेचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि इन क्रोमबॉक्स को खास मीटिंग के उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है. कंपनी की ओर से इस बात का दावा किया गया है कि इस पर दिए गए गूगल ऐप्स के जरिए क्रोमबॉक्स काफी आसानी से हैंगआउट की मदद से मीटिंग करा देता है. इसके माध्यम से किसी भी कंपनी की ओर से हाई डेफिनेशन मीटिंग बेहद आसानी के साथ की जा सकती है.
शैक्षणिक संस्थानों को करता है टारगेट
गूगल का ये बजट क्रोमबुक शैक्षणिक संस्थानों का टारगेट करता है. इसके लॉन्च के समय पर गूगल ने इसकी नई क्षमताओं और इसपर दिए गए नए ऐप्स को भी दिखाया, जो इसके वेब स्टोर पर उपलब्ध हैं. हाशिम कहती हैं कि कंपनी की ओर से इसके क्रोम OS पर और भी ज्यादा से ज्यादा एंड्रॉयड ऐप्स लाने की पूरी कोशिश की जा रही है. इसके लिए कंपनी की ओर से इसके OS पर हर छह हफ्ते के बाद नियमित अपडेट्स भेजे जाएंगे. इससे जुड़े हर डिवाइस पूरे मैनेजमेंट कंट्रोल के साथ आते रहेंगे. इसके जरिए शैक्षणिक संस्थान और बिजनेस को लेकर कुछ न कुछ नया होता रहेगा. इसका हर एक डिवाइस के इस्तेमाल पर चार्ज किया जाएगा. कुल मिलाकर ये एक रेवेन्यू मॉडल है, जिसे लंबे समय से गूगल अपनी ई-मेल सर्विसेज पर इस्तेमाल करता आ रहा है. वहीं हाशिम कहती हैं कि इसके OS पर भेजे गए हर एक अपडेट के साथ ये और भी ज्यादा बेहतर होता जाएगा, साथ ही इसका सॉफ्टवेयर कॉस्ट भी कम होता जाएगा.
सबसे बेहतरीन OS पर काम करता है क्रोमबुक
ये क्रोमबुक बेहद हल्के OS पर चलता है और इसलिए बड़ी आसानी के साथ बूट्स-अप हो जाता है. टेक गेन्ट की ओर से इस बात का दावा किया जाता है कि इसपर ऐसे डिवाइस को तैयार किया गया है, जो ज्यादातर ऑफलाइन एक्टिविटी में मदद करता है. हाशिम कहती हैं कि चार साल पहले जब उन्होंने क्रोमबुक्स को बाजार में उतारा था, उस समय वह लैपटॉप को ठीक उसी तर्ज पर बनाना चाहती थीं, जैसे के लोग आज आसानी के साथ कम्प्यूटर को इस्तेमाल करते हैं. हमेशा तेज, इस्तेमाल करने में आसान और किसी भी असुरक्षा में पूरी तरह से सुरक्षित. उन्होंने बताया कि भारत में क्रोमबुक को लॉन्च करने के बाद उनकी कंपनी सबसे ज्यादा इस बात को सुनिश्चित करने पर काम कर रही है कि क्रोमबुक ऐसे वातावरण में काम करता है, जिसमें कनेक्टिविटी स्पॉटी हो सकती है और टेक्नोलॉजी का पहली बार इस्तेमाल करने वाले लोग लैपटॉप की अपेक्षा परेशान होकर फोन को फेंक सकते हैं.
US में बना सबसे ज्यादा सेलिंग डिवाइस
K-12 एजुकेशन में टेबलेट्स और लैपटॉप्स पर IDC की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार US में बीते साल क्रोमबुक्स सबसे ज्यादा बिकने वाले डिवाइस रहे. वहीं शुक्रवार को लॉन्च हुआ ये डिवाइस RK3288 रॉकचिप प्रोसेसर पर काम करता है. एक बार मार्केट में आने के बाद इसके बेस में इंटेल चिप को भी इस्तेमाल किया जा सकता है.