आजकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्‍स पर यूजर्स के प्राइवेट डाटा के लीक या ब्रीच से जुड़े मामले शायद कुछ ज्यादा ही बढ़ गए हैं। ताजा मामले में यह खुलासा हुआ है कि कई थर्ड पार्टी डेवलपर्स लाखों जीमेल यूजर्स के प्राइवेट मैसेजेस को बिना उनकी जानकारी के पढ़ रहे हैं और यह परमीशन खुद गूगल ने उन्‍हें दी है।

जीमेल की प्रमोशनल सर्विसेज लेने वाले यूजर्स की प्राइवेट ईमेल्स की एक्सेस मिल रही है थर्ड पार्टी को

वाशिंगटन (आईएएनएस) फेसबुक हो या गूगल सभी अपने यूजर्स के प्राइवेट डाटा को हमेशा के लिए सिक्योर रखने का वादा तो करते हैं लेकिन कई बार वह उसे पूरा नहीं करते। वॉलस्ट्रीट जर्नल की एक इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट के मुताबिक सर्च जॉयंट गूगल दुनिया के कई बड़े थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर्स को बहुत सारे यूजर्स के Gmail अकाउंट एक्सेस दे रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा किए गए दावे में कहा गया है कि गूगल सैकड़ों की संख्या में कई थर्ड पार्टी ऐप डेवलपरर्स को कई मिलियन जीमेल अकाउंट के इनबॉक्स तक पहुंचने की छूट दे रहा है। ऐसे यूज़र्स जो कि शॉपिंग प्राइस कंपैरिजन, ट्रैवल से जुड़ी प्लानिंग और टूल्स से संबंधित ईमेल सर्विस या ऑफर्स को गूगल पर एक्सेप्ट करते हैं, उनके पर्सनल Gmail अकाउंट थर्ड पार्टी डेवलपर द्वारा एक्सेस किए जा रहे हैं।


मैनेज जीमेल सर्विस लेने वाले यूजर्स की ईमेल पढ़ रहे कंपनी के कर्मचारी

बता दें कि पूरी दुनिया में गूगल के पास 1.4 बिलियन यूजर्स है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट यह भी कहती है कि गूगल ने इन ऐप डेवलपर्स को उन Gmail यूजर्स की पर्सनल मैसेज पढ़ने की छूट दी है जिन यूजर्स ने गूगल की मैनेज जी मेल सर्विस ले रखी है या फिर तमाम तरह की प्रमोशनल मेल सर्विस को साइन अप किया हुआ है। ऐसे यूजर्स की प्राइवेट ईमेल को पढ़ने की छूट इन ऐप डेवलपर्स के एंप्लाइज को मिल गई है, ताकि वो जान सकें कि संबंधित यूजर्स क्या पसंद करते हैं। ताकि उन्हें उसी तरह के प्रमोशनल ऑफर्स भेजे जा सकें।



गूगल ने दावा किया था कुछ जबकि हुआ कुछ और

हालांकि इस मामले पर गूगल ने कहा है कि हमने सिर्फ उन्हीं यूज़र्स के जीमेल अकाउंट की लिमिटेड एक्सेस डेवलपर्स को दी है जिन्होंने खासतौर पर ईमेल को एक्सेस करने की परमिशन हमें दी है। कंपनी के मुताबिक सिर्फ कुछ खास केसेस में ही जब यूजर हमें अपने अकाउंट की ओपन एक्सेस की कंसेंट देता है तभी हम उनका अकाउंट एक्सेस करते हैं। जबकि वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट बताती है कि ईमेल डेटा कलेक्टर प्रोग्राम तमाम यूजर्स के लाखों ईमेल को पढ़ता और स्कैन करता है ताकि यूजर की पसंद का पता लगाया जा सके और फिर उसे वैसे ऑफर या प्रलोभन भेजे जा सकते हैं। हालांकि साल 2017 में गूगल ने ईमेल डेटा कलेक्टर प्रोग्राम को लेकर कहा था कि यूजर्स को पर्सनल एड भेजने के लिए कंपनी के कंप्यूटर उनके इमेल्स को पढ़ना जल्दी ही बंद कर देंगे लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं हुआ है।


अकाउंट की प्राइवेसी बढ़ाने को गूगल ने शुरु की नई सर्विस

वैसे जीमेल अकाउंट्स की अवैध एक्सेस देने के इस दावे के उलट गूगल जीमेल अकाउंट की प्राइवेसी को बढ़ाने के लिए गूगल ने हाल ही में एंड्रॉयड यूजर्स के लिए एक नया फीचर उतारा है। यह फीचर आपके जीमेल अकाउंट की प्राइवेसी को और भी ज्यादा मजबूत और सिक्योर बनाता है। गूगल की नई अपडेट के साथ कंपनी ने एक तरह की नया सर्च फंक्शन शुरू किया है जो कि यूजर को यह बताता है कि वह अपने अकाउंट की हर तरह की सेटिंग्स और पासवर्ड कैसे बदल सकते हैं और आसानी से उन तक कैसे पहुंच सकते हैं।

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Posted By: Chandramohan Mishra