ग्‍लोबल एनसीएपी ने हाल ही में डेटसन गो के क्रैश टेस्‍ट के आधार पर निसान मोटर्स को इस कार को भारत से हटाने को कहा है. बचाव दल ने डेटसन गो के साथ मारुति स्विफ्ट का भी टेस्‍ट किया लेकिन डेटसन गो ने काफी खराब परफॉर्म किया.

भारत में रुके डेटसन गो की बिक्री
भारत की ड्राइविंग कंडीशंस को देखते हुए ग्लोबल एनसपीएपी ने निसान मोटर्स के सीईओ से कहा है कि वह डेटसन गो कार को भारतीय बाजार से जितना जल्दी हो सके बाहर निकाल लें. दरअसल बचाव दल ने अपनी जर्मनी स्थित लाइब्रेरी में डेटसन गो को क्रैश टेस्ट से होकर गुजारा. इस टेस्ट में पाया गया कि टक्कर होते ही डेटसन गो कार की बॉडी सिकुड़ने लगती है. इस टेस्ट के रिजल्ट्स को देखते हुए यूएन बचाव दल ने कहा कि डेटसन गो की वर्तमान तकनीक और इंजीनियरिंग के आधार पर यह कार यूएन फ्रॉंटल इंपेक्ट रेगुलेशन पर खरी नही उतरेगी. इसलिए निसान मोटर्स को डेटसन गो को भारत में बेचना बंद करना चाहिए.

डेटसन गो को मिला जीरो

यूएन बचाव दल द्वारा किए गए टेस्ट में डेटसन गो को पांच में से जीरों अंक मिले हैं. गौरतलब है कि इंडिया में इस मॉडल की कॉस्ट 3.12 लाख है लेकिन कार के किसी भी वेरिएंट में एयर बैग्स जैसी सुविधा अवेलेबल नही है. इसके अलावा कार में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम भी नही दिया गया है. इसके अलावा कार की बॉडी इतनी पतली और कमजोर है कि एक्सीडेंट होने की स्थिति में एयरबैग्स भी कार में बैठे व्यक्ति को नही बचा सकते.

बस शर्मिंदा कर सकता है बचाव दल

यूएन बचाव दल का कार मैन्यूफैक्चरर के ऊपर कोई ज्युरिसडिक्शन नही है. इसलिए यह टेस्ट और इस टेस्ट से जुड़े रिजल्ट्स से डेटसन गो के आगामी भविष्य के बारे में कुछ नही कहा जा सकता है. हालांकि यूएन बचाव दल ने इन रिजल्ट्स से निसान मोटर्स को शर्मिंदा जरूर किया है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra