बालिका गृह मामला : परत दर परत सामने आने लगा बालिका गृह का सच
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PATNA : मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बालिकाओं के यौन उत्पीडऩ का सच सामने आने लगा है। समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने स्वीकार किया है कि मामले की गंभीरता का अंदाजा उन्हें भी नहीं था। सीबीआई के अधिकारियों ने गुरुवार को समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार से करीब एक घंटे तक पूछताछ भी की। विभाग के निदेशक राजकुमार ने गुरुवार को ब्रजेश के एनजीओ से संबंधित कागजात सीबीआई को उपलध करा दिए।
शुरू हुई कागजातों की पड़ताल
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलध कराए गए दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी गई है। ये वे दस्तावेज हैं जिसमें ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ संकल्प सेवा व विकास समिति के साथ समाज कल्याण विभाग ने बालिका गृह व स्वाधान गृह जैसे शेल्टर होम के संचालन को लेकर एकरारनामा किया था। साथ ही, सीबीआई को विभाग ने उन अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची भी उपलध कराई है, जिनके कंधों पर नाबालिग बच्चियों के रहने के लिए मुजफ्फरपुर बालिका गृह व महिलाओं के लिए संचालित स्वाधान गृह की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी थी।
दी गई राशि का सौंपा ब्योरा
सीबीआई को उपलध कराए गए दस्तावेजों में विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों के दौरान ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ को उपलध कराई गई धनराशि का ब्योरा भी है। समाज कल्याण विभाग ने सीबीआई को वह दस्तावेज भी उपलध कराए हैं जिससे पता चलता है कि ब्रजेश ठाकुर के दोनों शेल्टर होम का कब-कब और किस पदाधिकारी ने निरीक्षण किया है और उन्होंने अपने निरीक्षण रिपोर्ट में क्या कुछ लिखा है। इस मामले की जांच में लगे सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि हम सभी दस्तावेजों की पड़ताल कर रहे हैं। इस पड़ताल के बाद संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को चिन्हित कर उनसे पूछताछ की जाएगी।
54 दिनों तक दबाए रखा रिपोर्ट
समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस मामले की गंभीरता का अंदाजा नहीं था। प्रधान सचिव ने टीआइएसएस की रिपोर्ट मिलने के बाद इसे 54 दिनों तक दबाए रखने के मामले में भी सीबीआइ को सफाई दी है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की प्रिंटिंग नहीं होने के कारण अध्ययन में विलंब हुआ है। जिसके कारण प्राथमिकी दर्ज कराने में 54 दिनों का समय लग गया। तब विभाग के पदाधिकारी को यकीन नहीं था कि मामला इतना गंभीर हो सकता है।
ब्रजेश का एनजीओ हुआ लैक लिस्टेड
स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सभी एनजीओ को काली सूची में डाल दिया। ब्रजेश के करीबी समेत प्रदेश की तीस एनजीओ को भी काली सूची में डाला गया है। इन एनजीओ दिए जाए जाने वाले फंड पर भी रोक लगा दी गई है। इन गैर सरकारी संस्थाओं को बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा 6 करोड़ 74 लाख की राशि दी जाने वाली थी। ब्रजेश ठाकुर ने बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी से भी कई प्रोजेक्ट प्राप्त कर लिए।
बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी को निर्देश दिया गया है कि सभी एनजीओ की गहन समीक्षा करने के बाद ही फंड रिलीज किया जाए। ब्रजेश ठाकुर से जुड़े तमाम एनजीओ का पता लगा लैक लिस्टेड करने के निर्देश दिए गए हैं।
संजय कुमार, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग
विभाग के निर्देश पर ब्रजेश ठाकुर के तमाम सेंटर रद किए जाएंगे। उसके सेंटरों का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
करुणा कुमारी, परियोजना निदेशक, बिहार राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइट