मीठा खाना है पसंद, तो बॉडी फैट रहेगा बहुत कम! जानिए अपना हाल
आपको ज्यादा मीठा खाना पसंद है, तो न कीजिए बॉडी फैट की फिक्र
प्रेट्र: एक नई रिसर्च के मुताबिक दुनिया में जिन लोगों को मीठी चीजें खाना ज्यादा पसंद है। यानि कि जेनेटिक रूप से जो लोग अपने स्वीट लवर पेरेंट्स के गुण लेकर चल रहे हैं और हमेशा ही कुछ मीठा खाने की सोचते रहते हैं। ऐसे लोगों के शरीर में चर्बी यानि बॉडीफैट बाकी लोगों से कम हो सकता है। कुछ समय पहले ही वैज्ञानिकों ने पता लगाया था कि ज्यादा मीठा खाने या पीने की जबरदस्त इच्छा के पीछे लोगों की जेनेटिक विविधता काफी हद तक जिम्मेदार होती है। अगर आप में हैं जेनेटिक 'स्वीट टूथ' यानि FGF21 जीन तो आपमें बॉडी फैट होगा कमडेनमार्क की कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी में हाल ही में हुई एक रिसर्च के नतीजों के आधार पर टीम के एसोसिएट प्रोफेसर Niels Grarup बताते हैं कि मीठे चीजों का ज्यादा सेवन करने वालों में बॉडीफैट कम हो सकता है। दरअसल इस स्टडी में हमारे आहार और मीठे खाद्य पदार्थों के बीच जुड़ाव के साथ ही मोटापे और डायबिटीज के खतरे की व्याख्या की गई है। इस जेनेटिक वेरीएशन का प्रभाव हमेशा पॉजिटिव नहीं होता और इसका संबंध ब्लड शुगर में वृद्धि होने से जुड़ा हुआ है। इस रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जिन इंसानों में जेनेटिक तौर पर 'स्वीट टूथ' यानि FGF21 जीन मौजूद है, तो उन लोगों में बॉडी फैट बाकी लोगों से कम होता है।
450,000 लोगों के रिकॉर्ड के आधार पर निकला यह निष्कर्ष हाल ही में इंग्लैंड के एक्सीटर मेडिकल स्कूल में करीब साढ़े 4 लाख लोगों के रक्त के नमूने, आनुवंशिक डेटा, उनके आहार से जुड़े सवालों के आधार पर आंकड़ों को इक्ट्ठा करके बायो लैब में रखा गया। इस भारी भरकम डेटा को एनालाइज करने से पता चला कि जिन लोगों में अपनी पीढी़ के आधार पर अनुवांशिक भिन्नता होती है, उनमें कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी काफी भिन्न होती है। जेनेटिक 'स्वीट टूथ' के बारे में जानने से कई तरह के इलाज खोजना होगा आसानकोपेनहेगन यूनिवर्सिटी में की गई ताजा रिसर्च के मुताबिक अब हमें पता चल चुका है कि मीठा खाना अधिक पसंद होने के पीछे 'स्वीट टूथ' का बड़ा रोल है। अब हम ऐसे लोगो में डायबिटी या ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों के इलाज के दौरान इस 'स्वीट टूथ' को टारगेट करके इलाज के ज्यादा अच्छे रिजल्ट प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं।
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