पाकिस्तान से हिंदुस्‍तान आई गीता के माता-पि‍ता की म‍िस्‍ट्री अभी तक नहीं सुलझ पाई है। उसके पैरेंट्स की लगातार तलाश जारी है। हाल ही में एक और दंपत्‍त‍ि के दावे को भी गीता ने खार‍िज कर द‍िया है। आइए जानें पाक‍ से आई इस गीता का पूरा मामला...


अभी भी तलाश जारी की जा रही करीब दो साल पहले पाकिस्तान से करीब एक 23 साल की मूक बधिर युवती गीता हिंदुस्तान आई है। उसे आज भी यहां अपने माता-पिता की तलाश है। ऐसे में भारत सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जा रही है। अब तक देशभर के अलग-अलग राज्यों से एक दर्जन दंपत्ति ने गीता को बेटी होने का दावा किया है लेकिन अभी उसे माता-पिता नहीं मिले हैं। इन लोगों ने भी बताया अपनी बेटीतेलंगाना के गजारा कृष्नैया और गोपम्मा पद्मासा नरसापुरम ने दावा किया था। इसके बाद उनका नवंबर 2016 में डीएनए हुआ। इसके अलावा बिहार के महतो परिवार ने दावा किया और इनका डीएनए सैंपल लिया गया था। इसके बाद झारखंड के बांधों गांव का परिवार 26 अक्टूबर को इंदौर आया था। हालांकि अभी तक डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आई।
पाक बॉर्डर पर मिली थी गीता


गौरतलब है कि गीता को 26 अक्टबर 2015 को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल पर भारत लाया गया था। फिलहाल गीता को मध्य प्रदेश के इंदौर में मूक बधिर संगठन में रखा गया। जब कि कुछ साल पहले 11 साल की गीता साल 2003-04 में पाक बॉर्डर पर मिली थी। उस समय उसे पाकिस्तान की वेलफेयर ईधी फाउंडेशन को सौंप दी गई थी।

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Posted By: Shweta Mishra