कहते हैं कि असफलता ही सफलता की कुंजी है. इस बात को काफी हद तक ब्रिटिश टेनिस स्टार एंडी मुरे ने साबित कर दिखाया है जिन्होंने विंबलडन में मिली नाकामी को पीछे छोडक़र पिछले हफ्ते एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो जोकोविच नडाल और फेडरर जैसे मौजूदा टॉप स्टार्स भी नहीं बना सके.


दरअसल लग्जमबर्ग के ग्लासगो में ग्र्रुप-2 (यूरोप-अफ्रीका जोन) के दूसरे सिंगल्स मुकाबले के दौरान दुनिया के इस नंबर 4 प्लेयर ने लोकल प्लेयर लॉरेंट ब्राम को एक भी गेम नहीं जीतने दिया और 6-0, 6-0, 6-0 से जीत दर्ज करके उस एलीट ग्र्रुप में जगह बना ली, जिसमें निकोला स्पियर, इवान लेंडल और स्टीफेन एडबर्ग जैसे दिग्गज शामिल हैं. Favourable conditions


इस मैच के दौरान कुल 18 गेम और तीन सेट खेले गए, जिनमें लॉरेंट ब्राम एक में भी जीत नहीं दर्ज कर सके. यह मुकाबला सिर्फ कोर्ट पर ही नहीं, बल्कि हर मामले में मुरे के फेवर में रहा. स्कॉटलैैंड से ताल्लुक होने के कारण उन्हें होम क्राउड का सपोर्ट मिला, जबकि जिस सरफेस पर यह मैच खेला गया वह भी उनका फेवरिट यानी हार्ड कोर्ट था. इसके अलावा उन्हें अनएक्सपीरिएंस्ड प्लेयर के खिलाफ खेलने का भी फायदा मिला, जिसने 2008 के बाद से कोई भी प्रोफेशनल गेम नहीं खेला था. दरअसल ब्राम ने तभी कांप्टीटिव टेनिस से क्विट कर लिया था. जब वह टॉप-900 प्लेयर्स से बाहर हो    गए थे. 51 मिनट और खेल खत्म

अगर इस मैच के फिगर्स की बात करें तो यहां भी 24 साल के मुरे ब्राम से हर मामले में आगे रहे. उन्होंने 87 में से कुल 72 प्वॉइंट्स जुटाए. जो दो प्वॉइंट्स ब्राम के हिस्से में आए वो भी मुरे के डबल फाल्ट्स की वजह से.मुरे ने यह मैच महज 51 मिनट में खत्म कर दिया और इसके बाद उन्होंने लग्जमबर्ग के टॉप प्लेयर जाइल्स मुलर को शिकस्त देकर मुकाबला टाई करा लिया.

Ivan Lendl  1987 में ही नोवासेक व एडबर्ग के बाद दुनिया के नंबर वन प्लेयर रहे इवान लेंडल ने ट्रिपल बैगल की हैट्रिक लगाई. उन्होंने साल के आखिरी ग्र्रैंडस्लैम यानी यूएस ओपेन में साउथ अफ्रीका के बैरी मॉयर के खिलाफ यह अचीवमेंट्स हासिल किया. अपने करियर के दौरान लेंडल ने 5 बार यह कारनामा करने का रिकॉर्ड बनाया. यह जानकर हैरानी होगी कि 1984 में लीजेंड प्लेयर विलियन कोनोर भी उनके इस कारनामे का शिकार हो गए थे, जब डब्ल्यूसीटी फॉरेस्ट हिल्स टूर्नामेंट    में लेंडल ने उन्हें 6-0, 6-0 से  शिकस्त दी. Sergi Bruguera1993 के फ्रेंच ओपेन में यह इतिहास फिर दोहराया गया और सेरेगी ब्रूगुएरा ने चेक रिपब्लिक के थिएरी चैैंपियन के खिलाफ सभी 18 गेम्स अपने नाम कर लिए. इसके बाद टूर्नामेंट में अपने इंप्रेसिव फॉर्म को बरकरार रखते हुए इस स्पेनिश प्लेयर ने अपना पहला फ्रेंच ओपेन टाइटल भी जीता.

Posted By: Kushal Mishra