Game baja diya!
दरअसल लग्जमबर्ग के ग्लासगो में ग्र्रुप-2 (यूरोप-अफ्रीका जोन) के दूसरे सिंगल्स मुकाबले के दौरान दुनिया के इस नंबर 4 प्लेयर ने लोकल प्लेयर लॉरेंट ब्राम को एक भी गेम नहीं जीतने दिया और 6-0, 6-0, 6-0 से जीत दर्ज करके उस एलीट ग्र्रुप में जगह बना ली, जिसमें निकोला स्पियर, इवान लेंडल और स्टीफेन एडबर्ग जैसे दिग्गज शामिल हैं. Favourable conditions
इस मैच के दौरान कुल 18 गेम और तीन सेट खेले गए, जिनमें लॉरेंट ब्राम एक में भी जीत नहीं दर्ज कर सके. यह मुकाबला सिर्फ कोर्ट पर ही नहीं, बल्कि हर मामले में मुरे के फेवर में रहा. स्कॉटलैैंड से ताल्लुक होने के कारण उन्हें होम क्राउड का सपोर्ट मिला, जबकि जिस सरफेस पर यह मैच खेला गया वह भी उनका फेवरिट यानी हार्ड कोर्ट था. इसके अलावा उन्हें अनएक्सपीरिएंस्ड प्लेयर के खिलाफ खेलने का भी फायदा मिला, जिसने 2008 के बाद से कोई भी प्रोफेशनल गेम नहीं खेला था. दरअसल ब्राम ने तभी कांप्टीटिव टेनिस से क्विट कर लिया था. जब वह टॉप-900 प्लेयर्स से बाहर हो गए थे. 51 मिनट और खेल खत्म
अगर इस मैच के फिगर्स की बात करें तो यहां भी 24 साल के मुरे ब्राम से हर मामले में आगे रहे. उन्होंने 87 में से कुल 72 प्वॉइंट्स जुटाए. जो दो प्वॉइंट्स ब्राम के हिस्से में आए वो भी मुरे के डबल फाल्ट्स की वजह से.मुरे ने यह मैच महज 51 मिनट में खत्म कर दिया और इसके बाद उन्होंने लग्जमबर्ग के टॉप प्लेयर जाइल्स मुलर को शिकस्त देकर मुकाबला टाई करा लिया.