फाइनल जीतने पर फ्रांस को मिली नकली ट्रॉफी, असली ट्रॉफी तो यहां है
विजेता को नहीं मिलती असली ट्रॉफीकानपुर। करीब एक महीने से चल रहा फीफा वर्ल्ड कप 2018 आखिरकार खत्म हो गया। बड़ी-बड़ी टीमें जहां पहले ही बाहर हो गईं, वहीं पहली बार क्रोएशिया जैसी टीम फाइनल तक पहुंची हालांकि उनका चैंपियन बनने का सपना फ्रांस ने तोड़ दिया। खिताबी मुकाबले में फ्रांस ने बेहतरीन खेल दिखाकर क्रोएशिया को 4-2 से हरा दिया। इसी के साथ 21वें फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी फ्रांस को मिली। हालांकि उन्हें जो ट्रॉफी मिली है वो नकली है। जी हां फीफा कभी भी वर्ल्ड कप विजेता को असली ट्रॉफी नहीं देता है। विनर टीम को रेप्लिका (मिलती-जुलती ट्रॉफी) मिलती है। तो फिर असली ट्रॉफी कैसी है और कहां रखी है, आइए यह भी आपको बता दें।
मौजूदा वक्त में फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी की जो डिजाइन आप देख रहे हैं, उसे साल 1974 में बनाया गया था। फीफा की अफिशल वेबसाइट के मुताबिक, तब 10वां फुटबॉल वर्ल्ड कप खेला जाना था और टूर्नामेंट शुरु होने से पहले फीफा ने करीब 7 देशों से कुल 53 डिजाइन मंगवाए थे, आखिर में इटली के आर्टिस्ट सिल्वियो गैजनीगा की डिजाइन को चुना गया। सिल्वियो की दो साल पहले ही मृत्यु हो गई। ट्रॉफी को बनाते वक्त सिल्वियो ने कहा था कि ट्रॉफी में दो एथलीटों को जश्न मनाते इस तरह दिखाना काफी अद्भुत था। ऊपर की तरफ ग्लोब है जिसका मतलब है कि हम सभी एक साथ मिलकर खेलें।
फीफा वर्ल्ड कप की असली ट्रॉफी का वजन तकरीबन 6175 ग्राम है जिसमें कि 5000 ग्राम से ज्यादा तो असली सोना लगा है। इस ट्रॉफी की ऊंचाई 36 सेमी होती है और चौड़ाई 15 सेमी। अगर आप चाहें तो ज्यूरिख के फीफा म्यूजियम में इस ट्रॉफी को जाकर देख सकते हैं।फीफा वर्ल्ड कप 2018 : फ्रांस बना चैंपियन, फाइनल में क्रोएशिया को 4-2 से हरायाक्रिकेट का जन्मदाता यह देश रहा है फुटबॉल वर्ल्ड कप विजेता