फ्रांस ने पहली बार इराक में आतंकी संगठन आईएसआईएस के चरमपंथियों के खिलाफ हवाई हमले किए. फ्रांस के इस कदम से आईएसआईएस के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व में प्रयासों को और भी ज्‍यादा मजबूती मिल गई है.

अमेरिका के अभियान में शामिल होने वाला बना पहला देश
यहां खास बात यह है कि एक दशक पहले फ्रांस ने अमेरिका के नेतृत्व में इराक में हुई सैन्य कार्रवाई का समर्थन करने से इंकार कर दिया था. अब वह अमेरिका के नेतृत्व वाले अभियान में शामिल होने वाला पहला देश बन गया है.
क्या कहा फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने
फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद ने कहा कि सुबह 9:40 पर उन्होंने राफेल विमानों से आतंकवादी संगठन दायेस (आईएस) के साजो-सामान वाले एक गोदाम पर पहला हमला किया है. ओलोंद के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लड़ाकू विमानों ने उत्तरपूर्वी इराक में बमबारी की है. हालांकि यह नहीं बताया गया कि विशेष तौर पर किस स्थान पर कार्रवाई की गई है.
लक्ष्य को कर दिया गया पूरी तरह से तबाह
बयान में कहा गया कि जिस लक्ष्य को निशाना बनाया गया, वह पूरी तरह से तबाह हो गया. फ्रांस और ब्रिटेन ने पहले ही इराक के हवाई क्षेत्र में निगरानी के मकसद से अपने विमान भेज दिए हैं, हालांकि आज का हमला चरमपंथियों के खिलाफ अभियान के तौर पर की गई पहली कार्रवाई थी. इससे पहले बीते आठ अगस्त से अमेरिका ने 170 से अधिक हमले किए हैं. बराक ओबामा इस मामले को लेकर व्यापक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने को लेकर उत्सुक रहे हैं.

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Posted By: Ruchi D Sharma