जब दक्षिण भारतीय खानों का नाम आता है तो ज्‍यादातर लोगों के जहन में इडली डोसा और उत्‍तपम जैसे वेजिटेरियन फूड्स का नाम आता है पर क्‍या आप जानते हैं कि दक्षिण भारत में देश के उत्‍तरी राज्‍यों के मुकाबले नॉनवेज फूड का प्रचलन काफी ज्‍यादा है। आइये आज आपको एक शोध के अनुसार बताते हैं कि दक्षिण और उत्‍तर में वेज और नॉनवेज खाने का क्‍या है तुलनात्‍मक अनुपात।

सबसे ऊपर तेलंगाना
एक शोध के अनुसार करीब 99 प्रतिशत तेलंगाना वासी नॉन वेज के शौकीन होते हैं। तेलंगाना में नॉन वेज खाने के वालों में महिला और पुरुषों का अनुपात बिलकुल बराबर है। इस राज्य में ब्रेकफास्ट के दौरान चिकन और लैंब का प्रयोग ज्यादा जबकि आंध्र प्रदेश खास तौर पर हैदराबाद में मटन का चलन ज्यादा है। वैसे चिकन को भी वहां काफी लोग पसंद करते हैं। हैदराबादी बिरयानी पूरी दुनिया में फेमस है। नवंबर 2015 तक के आंकड़ों के अनुसार तेलंगाना में प्रतिवर्ष 1,061करोड़ अंडों और 505 लाख मीट्रिक टन मीट की खपत होती रही है। हांलाकि बीते एक साल में नॉन वेज के चलन में कुछ कमी आयी है। दक्षिण में आंध्र प्रदेश, केरल और उड़ीसा का नंबर तेलंगाना के बाद सबसे ज्यादा नॉनवेज खाने वाले राज्यों में आता है।

वेस्ट बंगाल में भी है नॉन वेज की खपत
सीफूड और विशेष रूप से मछली की लोकप्रियता के कारण दक्षिण के बाद पश्चिम बंगाल का नाम सर्वाधिक मात्रा में नॉन वेजिटेरियन खाने के शौकीन लोगों वाले राज्यों की सूची में आता है। बंगाली भी नॉन वेज काफी पसंद करते हैं।

उत्तर भारत के लोग काफी पीछे
वहीं उत्तर भारतीय राज्य इस मुकाबले में काफी पीछे हैं और यहां पर वेजिटेरियन खाने प्रमुखता से पसंद किये जाते हैं। शाकाहारी व्यंजन खाने वाले राज्यों में राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब और हरियाणा के नाम भी शामिल हैं।

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Posted By: Molly Seth