उड़ने वाली कार अब भी सपना ही है लेकिन क्या उड़ने वाली बाइक जल्द ही हकीकत बनकर सामने आ सकती है?


चेक गणराज्य में शोधकर्ताओं ने 95 किलोग्राम की  रिमोट से चलने वाली बाइक तैयार की है, जो जमीन से कुछ मीटर की ऊँचाई पर पाँच मिनट तक चक्कर लगा सकती है. राजधानी प्राग के एक प्रदर्शनी हाल में एक डमी उड़ान के दौरान इस इलेक्ट्रॉनिक प्रोटोटाइप ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी, चारों तरफ घूमा और सफलतापूर्वक उतर गया.इस बाइक में सामने और पीछे की ओर दो-दो और अगल बगल एक-एक  बैटरी चालित प्रोपेलर लगे हैं. प्रोपेलर एक तरह का पंख है जो घूम घूम कर ऊर्जा पैदा करता है.बेहतरी की उम्मीदइस मशीन की मदद से दुपहिया यात्रियों के भीड़भाड़ भरे जाम से निजात मिल सकती है, लेकिय यह भी सड़क पर उतरने या हवा में कुलाँचे भरने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है.इसकी मौजूदा बैटरी की मदद से यह कुछ मिनट तक उड़ान ही भर सकती है और फिर इसे रिचार्ज करना पड़ता है.


'ड्यूरेटिक बाइसिकिल्स' के तकनीकी निदेशक मिलान डूचेक ने बताया, “चूंकि हर दस साल में बैटरी की क्षमता दोगुनी हो जाती है, इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि भविष्य में बाइक की इतनी क्षमता होगी कि वह खेल, पर्यटन या छोटे कामों के लिए प्रयोग में आ सके.”

इस बाइक को तैयार करने के लिए ड्यूरेटिक ने दो अन्य चेक कंपनियों टेक्नोडैट और एवेक्टोर के साथ काम किया.पैराशूट वाली बाइकबाइक को उड़ाने की यह पहली कोशिश नहीं है. इससे पहले अगस्त 2009 में ऑक्सफोर्डशायर के एक आईटी अध्यापक जॉन कार्वर ने एक बाइक तैयार कर उसे “फ्लाइक” नाम दिया. यह एक उड़ान भरने वाला तिपहिया वाहन था.उन्होंने चैरिटी के उद्देश्य से ब्रिटेन में उड़ान भी भरी.कार्वर का वाहन नागर विमानन प्राधिकरण में पंजीकृत था और इसमें टू-स्ट्रोक ट्विन प्रोपेलर मोटर के साथ ही पैराग्लाइडर छतरी भी लगी थी. इसमें एक पैराशूट भी लगा था, जो बाइक के हवा में होने के दौरान हमेशा खुला रहता था.कार्वर की वेबसाइट के मुताबिक बाइक में प्रत्येक दो घंटे बाद ईंधन भरना पड़ता था और यह 25.4 किलोग्राम तक सामान ले जाने में सक्षम हैं और यह उड़ान के दौरान 32 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर सकती है.पैरा-साइकिल जैसी कंपनियां भी छोटे उपकरणों की बिक्री करती हैं, लेकिन एक बड़ा पैराशूट शहरी यात्रियों के लिए बोझिल हो सकता है.20वीं शताब्दी की शुरुआत में “फ्लाइंग मशीन” वास्तव में साइकिल ही थीं, जिनमें पंख जोड़ दिए गए थे.

Posted By: Bbc Hindi