2011 को यदि किसी चीज के लिए याद किया जाएगा तो वह है क्रांति और इस क्रांति की शुरुआत हुई इजिप्ट की राजधानी काइरो से. काइरो के तहरीर चौक ने दुनिया की तकदीर लिख दी.


25 जनवरी विद्रोह का दिनइजिप्टि की राजधानी काइरो की तहरीर चौक पर प्रेसीडेंट होस्नी  मुबारक से पद छोडने की मांग करने वाले हजारों प्रदर्शनकारी जमा हुए.  देश के कई और शहरों में भी प्रदर्शन.26 जनवरी इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर रोकफेसबुक और टिवटर पर लोगों से प्रदर्शनों में हिस्सार लेने की अपील के बाद सरकार ने इंटरनेट एक्सेकस पर रोक लगाई.  28 जनवरी गुस्सेग का शुक्रवारकाइरो समेत इजिप्ट  के अन्ये शहरों में शुक्रवार की नमाज के बाद प्रदर्शनों का सिलसिला तेज हो गया. विपक्षी नेता मोहम्मंद अलबरदेई काइरो पहुंचे. तहरीर चौक पर मुबारक समर्थकों और विरोधियों के बीच झडपें.29 जनवरी सेना बुलाई गईकाइरों की सडकों पर सेना तैनात कर दी गई. तहरीर चौक पर प्रदर्शनकारियों की संख्यार का बढना जारी रहा.1 फरवरी मुबारक झुकेमुबारक ने टेलीविजन पर अगला चुनाव न लडने की घोषणा की.


2 फरवरी टकराव बढामुबारक समर्थकों और सरकार विरोधियों के बीच टकराव बढा. तहरीर चौक पर प्रदर्शनकारी डटे हुए थे वहीं मुबारक सत्तार पर पकड बनाए रखने की आखिरी कोशिशों में लगे हुए थे.

6 फरवरी बातचीत शुरू इजिप्ट  के वाइस प्रेसीडेंट ओमर सुलेमान और सरकार विरोधियों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत का दौर10 फरवरी आखिरी कोशिश


इस दिन उम्मीफद की जा रही थी कि होस्नीर मुबारक सत्ता् छोड देंगे लेकिन उन्हों ने इस्तींफे की जगह वाइस प्रेसीडेंट सुलेमान को अपनी कुछ शक्तियों सौंपने की घोषणा की. प्रदर्शनकारियों में निराशा और गुस्साी.11 फरवरी मुबारक देश में भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार की शाम 6 बजे वाइस प्रेसीडेंट सुलेमान ने होस्नीे मुबारक के सत्तार छोडने की घोषणा की. कामकाज इजिप्टज की आर्मी की सुप्रीम काउंसिल के हवाले. तहरीर चौक समेत पूरे देश में लोग जश्ना में डूबे.

Posted By: Kushal Mishra