अमृतसर से पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए रवाना हुई बस, श्रद्धालुओं को मिलेगी फ्री सर्विस
कानपुर। पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंजाब के अमृतसर से मंगलवार को एक बस रवाना हुई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक पंजाब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने अमृतसर से एक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस बस के जरिए श्रद्धालु अमृत सर स्वर्ण मंदिर से डेरा बाबा नानक होते हुए पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जा सकेंगे। डेरा बाबा नानक में पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले यात्रियों के लिए कॉरिडोर बना है। इस सेवा का लाभ नि: शुल्क है।
Punjab: Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee president Gobind Singh Longowal flags off a bus from Amritsar to ferry devotees, who will be visiting Kartarpur Sahib Gurudwara in Pakistan, between Golden Temple& Dera Baba Nanak. He says, "The service can be availed free of cost". pic.twitter.com/O8Mqqsxovh
— ANI (@ANI)इस संबंध में पंजाब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने का कहना है कि इस बस सर्विस में श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने जहां आखिरी सांस ली थी, उस करतारपुर साहिब में अब तक करीब 45 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यह जानकारी एक सवाल के जवाब में लिखित तौर पर दी गई। पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए बीते साल नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर खुला था। इसके बाद से पाकिस्तान के करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में अब तक 40 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने जा चुके हैं।
गुरुनानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल गुजारेकरतारपुर साहिब में ही सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने आखिरी सांस ली थी। मान्यता है कि यहां पर गुरुनानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 साल गुजारे थे। गुरुनानक देव ने 1504 में रावी नदी के तट पर करतारपुर में सबसे पहले सिख समुदाय को बसाया था।