भारतीय सेना के तीनों अंगों के सेनाध्‍यक्ष 4 स्‍टार जनरल या सैन्‍य अधिकारी होते हैं। सेना में विशेष योगदान और युद्ध के दौरान रणनीतिक कौशल के लिए 5 स्‍टार जनरल या सैन्‍य अधिकारी पर प्रमोट करके सेनाध्‍यक्ष को सम्‍मानित करने का प्रावधान है। जनरल एसएचएफजे मानेक्‍शॉ सबसे पहले 5 स्‍टार जनरल थे। इनके बाद दो और सेनाध्‍यक्षों को यह सम्‍मान मिला। इस रैंक के अधिकारी को आजीवन सेवारत माना जाता है। लेकिन ये सेना के रूटीन कार्यों में हस्‍तक्षेप नहीं करते। आइए जानते हैं इनके रैंक फ्लैग और स्‍टार इत्‍यादि से संबंधित 5 निशानियों के बारे में...

1-थल सेना में 5 स्टार रैंक पाने वाले अधिकारी को फील्ड मार्शल कहा जाता है। इनकी अपना झंडा होता है। वह लाल रंग का होता है जिस पर अशोक की लाट वाली फील्ड मार्शल रैंक चिह्न और 5 स्टार बने होते हैं। फील्ड मार्शल के वाहन की पहचान के लिए उनकी कार पर लाल रंग की प्लेट पर 5 स्टार बने होते हैं। जब वे सेना की वर्दी पहनते हैं तो कंधे पर अशोक की लाट वाली फील्ड मार्शल की रैंक पहनते हैं और कॉलर पर लाल रंग की पट्टी पर 5 स्टार लगाते हैं। फील्ड मार्शल का सबसे आकर्षण उसका स्वर्ण जडि़त लाल रंग का बैटन होता है, जिसपर सेना के चिह्न के साथ-साथ 5 स्टार भी जड़े होते हैं।

 

3- जनरल केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेनाध्यक्ष थे। 1947 में उनके नेतृत्व में ही भारत-पाक युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में उनके योगदान के लिए 1986 में फील्ड मार्शल की उपाधि से सम्मानित किया गया। मानेकशॉ के बाद इस 5 स्टार रैंक से सम्मानित होने वाले वे दूसरे जनरल थे। फील्ड मार्शल करियप्पा ने ब्रिटिश इंडियन आर्मी ज्वाइन की थी। ब्रिटिश इंडियन आर्मी में उन्हें कई रेजीमेंट में ट्रांसफर किया गया जो सिलसिला आजादी के बाद तक चलता रहा। आखिर में उनकी पेरेंट रेजीमेंट 1/7 राजपूत रेजीमेंट रही।

5- एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह 1964 से 1969 तक वायुसेना अध्यक्ष रहे थे। उन्होंने न सिर्फ द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा के दुश्मनों के दांत खट्टे किए बल्कि 1965 के दौरान भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान में घुसकर उसके अहम हवाई अड्डों को तबाह करने की सफल रणनीति भी बनाई। वायुसेना से रिटायर होने के बाद वे राजदूत, उच्चायुक्त और 1989 से 1990 के बीच दिल्ली के उप राज्यपाल भी रह चुके थे। वायुसेना में उनके अतुलनीय योगदान को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने 2002 में उन्हें मार्शल ऑफ द एयर फोर्स के ओहदे से सम्मानित किया। वायुसेना में वे 5 स्टार रैंक से सम्मानित होने वाले पहले और तीनों सेनाओं में तीसरे सेनाध्यक्ष थे। ध्यान रहे कि इनसे पहले थलसेना के दो सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को यह सम्मान मिल चुका था।

 

 

 

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra