किसी का कचरा दूसरे के लिए खज़ाना हो सकता है. लेकिन क्या ये बात किसी बॉस के लिए दोहराई जा सकती है?


संभव है कि किसी कर्मचारी को जो बॉस सबसे बड़ा दुश्मन लगता हो, वही दूसरे कर्मचारी को टफ़्फ़ लेकिन कुशल बॉस लगता हो.विशेषज्ञों के मुताबिक ज़्यादा उम्मीद और बेहतर परिणाम चाहने वाले बॉस में और एक ख़राब बॉस में काफ़ी बड़ा अंतर है.1. मेरे बिना कुछ नहीं हो पाएगा: ख़राब मैनेजर को ग़लतफ़हमी होती है कि उनके बिना सब कुछ चरमरा जाएगा. जबकि अच्छे मैनेजर जिम्मेदारी संभालने के लिए दूसरे लोगों को तैयार करते हैं.2. यही तरीका है, हम हमेशा ऐसे करते रहे हैं: ख़राब मैनेजर हमेशा बदलाव से डरते हैं. उनके इस कथन से ज़ाहिर है कि बिना नए अवसरों की तलाश किए वे खुद को सही ठहराने की कोशिश करते हैं.
जेनरल इलेक्ट्रिक के पूर्व मुख्य कार्यकारी जेके वेल्श कहते हैं कि कि कई बार बुरे मैनेजर अपने कर्मचारियों से रिज़ल्ट हासिल कर लेते हैं लेकिन ये ज़्यादा देर चलता नहीं है.बुरे और अच्छे बॉस का फ़र्क


वेल्श ने अपने लेख टफ़्फ़ बॉस या बुरा बॉस (?) में लिखा - ''कई बॉस अपनी ताकत के नशे में चूर, अपने मातहत लोगों को धमकाते हैं, उनसे नाजायज़ नतीजों की उम्मीद रखते हैं, जो सही होता है उसका श्रेय ख़ुद लेते हैं, ग़लती होने पर उँगली उठाते हैं, तारीफ़ कंजूसी से करते हैं, मूडी और चालाक होते हैं.लेकिन ख़राब बॉस और अच्छे बॉस के तौर-तरीके में अंतर होता है.इसके ठीक उलट कई बॉस यही देखते रहते हैं - ''क्या हर कोई ख़ुश है?'' ऐसे बॉस के लिए काम करना आसान हो सकता है लेकिन स्टैंड न ले पाने की वजह से, वे औसत रिज़ल्ट ही दे पाते हैं, बेहतरीन रिज़ल्ट नहीं. वे काम न हो पाने या सही न होने की स्थिति में न उक्त लोगों से जवाबदेही मांगते हैं और किसी के भी कहने पर अपनी दिशा और नीति बदल लेते हैं.अब कुछ बॉस इन दोनों श्रेणियों के बीच होते हैं. वेल्श के मताबिक ये बॉस न तो हर किसी को ख़ुश करने की ग़लती करते हैं, न ही ज़रूरत से ज़्यादा टफ़्फ़ होते हैं.

अच्छे बॉस के लक्षण हैं - ''वे स्पष्ट, चैलेंजिंग लक्ष्य रखते हैं और इन्हें हर व्यक्ति से संबंधित उम्मीदों से जोड़ते हैं. वे बार-बार ये सुनिश्चित करते हैं कि जो लक्ष्य तय हुआ वह पूरा किया गया या नहीं. अच्छे नतीजे मिलने पर वो पुरस्कार देने से हिचकिचाते नहीं हैं. वे बिना लाग-लपेट के बात करते हैं ताकि हर किसी को पता हो कि वो कहाँ है और बिज़नेस कहाँ है."अच्छे बॉस के लिए काम करना चैलेंज हो सकता है लेकिन यदि आप चुनौती स्वीकार कर, उसे पूरा करने वाले व्यक्ति हैं, तो आपके लिए ख़ासे इनाम हो सकते हैं और ये आपको अधिक ऊर्जावान भी बनाए रखता है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh