भारत के रिटायर्ड जल सेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्‍तान में मृत्‍युदंड सुनाया गया है। इस समय ये खबर पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। राजनीतिक हल्‍कों में भी कुलभूषण की सजा से हलचल मच गयी है। उन्‍हें 2016 में पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसीज ने अपने एक ऑपरेशन के दौरान बलोचिसतान में गिरफ्तार किया था। जाधव को भारत के हित में विध्वंसक गतिविधियों में लिप्‍त होने के आरोप में दंडित किया गया है। यदि विशेषज्ञों की मानें तो ये एक अनुचित कार्यवाही है और कुलभूषण को निरअपराध साबित करने के पक्ष में कई तथ्‍य हैं जिनका पाकिस्‍तान को जवाब देना चाहिए।

पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं: सरताज अजीज
पाकिस्तान ने जब मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया था उसके बाद वहां के विदेश सलाहकार सरताज अजीज ने दिसंबर 2016 में स्पष्ट कहा था कि जाधव को अपराधी साबित करने के बारे में पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जो डाजियर पाकिस्तान सरकार को मिला है उसके आधार पर नहीं कहा जा सकता कि वे किसी आपराधिक गतिविधि में सलग्न थे। ऐसे में पाकिस्तान को स्पष्ट करना चाहिए कि वो किस आधार पर जाधव को इतना कठोर दंड दे रहे हैं।
वीडियो की सच्चाई पर शक
कुलभुषण जाधव का अपना अपराध स्वीकार करते हुए जो वीडियो पेश किया गया है वो शक के दायरे में आता है। अगर वास्तव में कोई भारतीय खुफिया दल का एजेंट है तो वो अच्छी तरह से जानता है कि इस तरह के वीडियो में दिये गए बयानों से कोई मदद नहीं मिलती। ऐसे में अगर जाधव ने कोई बयान दिया है तो उसे क्यों इस बात की जानकारी नहीं थी और साफ पता चल रहा है कि उसे टॉर्चर करके जबरन ये बातें बुलवाई गयी हैं। ऐसा कोई भी खुफिया एजेंट नहीं करेगा।
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कहा हुई जाधव की गिरफ्तारी
इस सवाल का जवाब जानना इसलिए आवश्यक है क्योंकि इस बात का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है कि पाकिस्तानी एजेंसी ने कुलभूषण को वाकई बलोचिस्तान में ही गिरफ्तार किया है। भारत का दावा है कि कुलभूषण गलती से पाकिसतानी सीमा में पहुंच गए और अरेस्ट कर लिए गए। ऐसा अक्सर कई भारतीय और पाकिस्तानी नागरिको के साथ होता है कि वे अनजाने में अपने देशों की सीमा पार कर लेते हैं। जाधव के मामले में भी ऐसा लगता है कि वो अनजाने में गलत वक्त पर गलत जगह मौजूद थे, वरना उनके बारे में सबूत जरूर मिलता।
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भारतीय पासपोर्ट कहां से आया
सबसे खास बात ये कि जाधव के पास से हिंदुस्तानी पासर्पोट बरामद हुआ है जो जाली मुस्लिम नाम से बना है। अब सवाल ये है कि एक उच्च स्तरीय खुफिया एजेंट, जैसा जाधव के बारे में पाक सरकार का दावा है, इतनी बड़ी भूल कैस कर सकता है। क्यों वो पूरे डॉक्युमेंट और पाकिस्तानी पहचान के नहीं गया। एक अनुभवी जासूस से ऐसी बेवकूफी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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क्यों नहीं दिया काउंसलर मुहैया कराने का मौका
भारत का कहना है कि उसे जाधव के लिए काउंसलर मुहैया कराने का मौका नहीं दिया गया। पाकिस्तान का कहना है कि उसने मौका दिया और भारत ने उरी हमले से संबंधित व्यक्ति को काउंसलर नियुक्त किया था। भारत ने इस बात से पूरी तरह से नकार दिया है, पर पाकिस्तान अपनी बात पर अड़ा हुआ है।

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Posted By: Molly Seth