सीरिया: रूस की योजना पर पी-5 देशों की बैठक
ब्रिटेन, अमरीका और फ़्रांस चाहते हैं कि सीरिया के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद में ऐसा प्रस्ताव लाया जाए जो सीरिया पर बाध्यकारी हो, लेकिन रूस ऐसे किसी भी प्रस्ताव के विरोध में है.रूस और अमरीका इसी मुद्दे पर गुरूवार को द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.इससे पहले रूसी मीडिया का कहना था कि रूस ने सीरिया के क्लिक करें रासायनिक हथियारों को सुरक्षित बनाने संबंधी अपनी योजना अमरीका को सौंप दी है.सोमवार को रूस ने एक योजना की पेशकश की थी कि सीरिया के रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में रख दिया जाए. रूस की इस योजना का सीरिया ने स्वागत किया था.पी-5 देशों की बैठक से पहले अमरीका, ब्रिटेन और फ़्रांस के राजनयिकों ने आपस में बातचीत की थी.रूस की इस योजना के चलते अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सीरिया पर कार्रवाई करने के इरादे को टालना पड़ गया.
साल 2011 में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के ख़िलाफ़ विद्रोह शुरू होने के बाद से अब तक क़रीब एक लाख लोगों की मौत हो चुकी है.रूसी योजनासीरिया ने पहली बार माना है कि उसके पास हथियार हैं और वो हथियारों के इस ज़ख़ीरे को सौंपने की रूस की योजना पर राज़ी हो गया है.
अमरीका ने पिछले महीने एक रासायनिक हमले में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद हमले की धमकी दी थी.सीरिया में 21 अगस्त को हुए कथित रासायनिक हमले में 1429 लोग मारे गए थे. अमरीका इसके लिए सीरिया की सेना को ज़िम्मेदार मानता है. जबिक सारिया की सरकार इसके लिए बाग़ियों को दोषी मानती है.इस बीच अमरीका और रूस के विदेश मंत्री गुरूवार को जेनेवा में मुलाक़ात करने वाले हैं. एक राजनयिक ने बीबीसी से बातचीत के दौरान कहा कि सुरक्षा परिषद के सद्स्य देशों के दूतों की बैठक महज़ एक औपचारिकता है और सीरिया से जुड़े गंभीर मुद्दों पर अमरीका और रूस के विदेश मंत्रियों की जेनेवा में होने वाली बैठक में ही कोई अहम फ़ैसला लिया जा सकेगा.इस बीच सीरिया में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर अत्याचार और बलात्कार हो रहे हैं और दोनों पक्ष युद्ध अपराध कर रहे हैं.यह रिपोर्ट मध्य जून से जुलाई के बीच की घटनाओं पर आधारित है. तब तक संयुक्त राष्ट्र के जाँच दल को सीरिया में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी.
वहीं अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया में सैन्य कार्रवाई के मसले पर अमरीकी संसद में होने वाला एक मतदान टाल दिया है.