दुनिया में 5 शरणार्थी समस्याएं जो कर रही मानवता को शर्मसार
भाषाई ज्ञान न होने से बोलने में असमर्थ: शरणार्थियों में सबसे पहली समस्या भाषा की आती है। जरूरी नहीं कि उन्हें जिस किसी क्षेत्र में उन्हें शरण मिलती है, वहां की भाषा आती हो। कई बार तो ऐसे देशों में पहुंच जाते हैं जहां पर मुख्य तौर पर अंग्रेजी भाषा का चलन होता है। जिसे सीखना उनके लिए बड़ा ही मुश्िकल होता है। ऐसे में भाषा की समस्या के चलते वे न दूसरों की बात समझ पाते हैं और न समझा पाते हैं। जिससे उन्हें भोजन खरीदने से अपने इलाज तक में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कई बार देखा जाता है कि शरणार्थी जिस देश में रह रहे होते हैं। वे अपने बच्चों को वहीं के हिसाब से शिक्षा-शिक्षा दिलाते हैं। इस दौरान बच्चे वहीं स्कूल के माहौल से एडजस्ट होने लगते हैं। इस दौरान बच्चों को स्कूल और घर में दो अलग-अलग स्थितियों से गुजरना पड़ना है। इसके अलावा बच्चों को समाज में भी काफी भेदभाव झेलना पड़ता है। वहीं इतना कुछ होने के बाद जब वे कहीं और जाते हैं तो उन्हें फिर से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सांस्कृतिक बाधाएं और धार्मिक विषमताएं:अक्सर शरणार्थियों को इस समस्या से भी बड़े स्तर पर जूझना पड़ता है। कई परेशानियों के बाद भी अपने धर्म और संस्कृति के मुताबिक चलने की कोशिश करते हैं। वहीं अक्सर उन्हें उस स्थानीय संस्कृति के हिसाब से रहने को कहा जाता है। जो लोग मान जाते हैं उन्हें तो कोई परेशानी नहीं होती हैं लेकिन जो लोग नहीं मानते हैं उन्हें भी दूसरे तरीकों से विवश किया जाता है। कई बार उन्हें वहां भेजने की भी कोशिश होती है जिस जगह से वे आए होते हैं।
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