बॉलीवुड में इन दिनो एक अलग तरह की फिल्‍मों का दौर आया है। इन फिल्‍मों में से ही एक फिल्‍म का नाम है ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ जिसे सेंसर बोर्ड ने बैन करते हुये उसे प्रमाणपत्र देने से इंकार कर दिया है। बैन करने की वजह बताते हुए सेंसर बोर्ड कहा है कि यह कुछ ज्यादा ही महिला केंद्रित है। फिल्म के कुछ दृश्यों और भाषा पर भी बोर्ड ने आपत्ति जताई है। फिल्‍म अलंकृता श्रीवास्‍तव ने डॉयरेक्‍ट किया है। फिल्‍म में कोंकणा सेन शर्मा और अहाना कुमरा ने अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरे हैं। फिल्‍म का टॉपिक जरा हट के है। हम आप को आज फिल्‍म की डॉयरेक्‍ट अलंकृता श्रीवास्‍तव की जिंदगी से मुखातिब करवाने जा रहे हैं जिन्‍होंने इतनी कंट्रोवर्शियल फिल्‍म तैयार की है।


फिल्म में महिलाओं की जिंदगी को थोड़ा करीब से दिखाया गया है। अलंकृता बताती हैं कि उन्होंने देहरादून के वेलहम गर्ल्स स्कूल में पढ़ाई की है। उन्होंने शुरु में ही बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया था। जहां उन्होंने बचपन में ही फेमेनिज्म को सीख और समझ लिया था।

अलंकृता ने बताया कि उन्होंने बचपन से ही महिलाओं को सीखना और समझना शुरु कर दिया था। अलंकृता ने साल 2005 में फिल्म अपहरण के जरिये बॉलीवुड में कदम रखा था। अलंकृता इस फिल्म की चीफ असिसटेंट डॉयरेक्टर थीं।

साल 2007 में खोया खोया चांद और दिल दोस्ती इटीसी की एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर बनी। 2010 में उन्होंने फिल्म राजनीति में एसोसियेट डॉयरेक्टर की भूमिका अदा की। 2011 में अलंकृता ने टर्निंग 30 फिल्म को लिखा और फिर उसे डॉयरेक्ट किया। 2016 में अलंकृता ने लिपस्टिक अंडर माई बुरका की कहानी लिखी और फिर इसे डॉयरेक्ट किया। अलंकृता डॉयरेक्टर प्रकाश झा की भतीजी हैं।

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Posted By: Prabha Punj Mishra