अफगानिस्तान में अमरीकी सेना ने तालिबान के ठिकानों पर किया हमला, 50 आतंकी कमांडर ढेर
बैठक के दौरान आतंकियों पर किया हमला
काबुल (रॉयटर्स)। अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांत हेलमंद में तालिबानी कमांडरों की बैठक के दौरान अमरीकी सेना ने उनपर रॉकेट से हमला किया, जिसमें 50 से ज्यादा तालिबानी कमांडर मारे गए। अफगानिस्तान में अमरीकी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन ओडोनेल ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हेलमंद के मूसा काला प्रांत में तालिबान कमांडरों की बैठक पर हमला किया गया, जिसमें 50 से अधिक तालिबानी कमांडर मारे गए हैं। उन्होंने कहा, '24 मई को हुई इस बैठक में कई प्रांतों से आए तालिबान कमांडर शामिल हुए थे, मेरा मानना है कि यह बैठक आगामी हमलों की साजिश रचने के लिए बुलाई गई थी।'
तालिबान ने नहीं की पुष्टि
ओडोनेल ने बताया कि इस महीने दस दिन तक चलाए गए अभियान में तालिबान के कई बड़े आतंकी और निचले स्तर के कमांडर मारे गए हैं। हालांकि तालिबान ने मूसा काला में कमांडरों के मारे जाने की खबर को सीधे तौर पर खारिज कर दिया। तालिबान के प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी ने मीडिया से बातचीत करते कहा कि दो घरों को रॉकेट हमले का निशाना बनाया गया। इसमें पांच नागरिक मारे गए और तीन घायल हुए हैं। बता दें कि अफगानिस्तान का यह इलाका तालिबान के मजबूत आतंकी गढ़ों में गिना जाता है। अमरीका के इस हमले से आतंकियों को बड़ा झटका लगा है।
मार्च में भी अमरीकी सेना ने किया था हमला
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम में तालिबान ने बुधवार सुबह एक पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया। तीन घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और आठ घायल हो गए। बता दें कि अफगानिस्तान के पूर्वी कुनार प्रांत में दो महीने पहले यानी कि मार्च में अमरीकी सेना ने ड्रोन से हमला किया था, जिसमें तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के 20 आतंकी और उनके प्रशिक्षक मारे गए थे। उस वक्त प्रतिबंधित टीटीपी के आतंकी पाक सीमा से सटे कुनार के पर्वतीय शल्टन क्षेत्र में प्रशिक्षिण शिविर चला रहे थे। अमरीकी ड्रोन ने कथित तौर पर शिविर पर पांच मिसाइल दागे, जहां आतंकी नियमित प्रशिक्षण के लिए मौजूद थे।