Festive offers can be a trap
फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है. पहले नवरात्री, फिर दशहरा और उसके बाद दीवाली. यही वो टाइम होता है जब मार्केट में हर चीज की सेल मैक्सिमम होती है और सेल एंहैंस करने के लिए सहारा लिया जाता है ल्यूक्रेटिव फेस्टिव ऑफर्स का. जानते हैं कि इस सीजन में मिलने वाले ऑफर्स कितने कारगर होते हैं और कितने नहीं.
Why offers are given?
जाहिर सी बात है कि इसके पीछे दो वजह होती हैं एक सेल बढ़ाने के लिए और दूसरी पुराना स्टॉक क्लीयर करने के लिए. ऐसे में अक्सर ये होता है कि ऑफर के चक्कर में हम इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि जो हम खरीद रहे हैं वो ट्रेंड में है भी या नहीं या फिर उसमें कोई डिफेक्ट तो नहीं. फेस्टिव सीजन में दिए जाने वाले ऑफर्स इसलिए भी ज्यादा चलते हैं क्योंकि ज्यादातर लोग इसी सीजन में खरीददारी करना पसंद करते हैं.
How to get maximim benefits?
सभी डिस्काउंट्स बेकार होते हैं. बड़े-बड़े ब्रैंड्स में भी आपको बहुत अच्छी चीजें कम रेट पर मिल जाती हैं. पर इस तरह के डिस्काउंट्स में फायदा ज्यादातर उन्हीं लोगों का होता है जो ऑफर इंट्रोड्यूस होने के कुछ ही दिनों के अंदर शॉपिंग कर लेते हैं. ज्यादा लेट करने पर स्टॉक और भी पुराना हो जाता है या फिर कॉमन साइजेस आउट ऑफ स्टॉक हो जाते हैं. ग्रेजुएट स्टूडेंट हर्षित कहते हैं, ‘लास्ट टाइम मैं शॉपिंग करने तब गया जब सेल एंड होने वाली थी. वहां जाकर पता लगा कि अच्छा स्टॉक खत्म हो गया है और लेने के लिए लिमिटेड आइटम्स ही बचे हैं.’
Do you buy unnecessary items b’coz of discounts?
अक्सर ऐसा होता है कि सिर्फ डिस्काउंट के चक्कर में हम वो सामान भी खरीद लेते हैं जिनकी जरूरत ही नहीं होती. अगर एक हजार की खरीद पर 100 या 50 रुपए का सामान मिलता भी है तो उसे तभी लें जब उसकी जरूरत हो. बिजनेसमैन विशाल अग्रवाल कहते हैं,‘एक बार मेरी वाइफ ने सिर्फ कुछ किलो फ्री चीनी के लिए 1500 रुपए की शॉपिंग कर डाली. घर आए तो देखा कि उसमें जरूरत का सामान तो कम था पर बजट बढ़ाने वली चीजें ज्यादा थीं.’ इसी तरह फ्री मोबाइल रिचार्ज, मेंबरशिप काड्र्स और लकी ड्रॉ जैसी स्कीमों के चक्कर में लोग ज्यादा अमाउंट की परचेजिंग कर जाते हैं जो बाद में बेकार लगने लगती है.
How to recognise these offers
स्कीम्स का फायदा उठाना हो तो कुछ प्वाइंट्स को ध्यान में रखकर शॉपिंग करनी चाहिए. स्कीम के चक्कर में किसी भी कम्पनी के आइटम्स परचेज करना ठीक नहीं होगा. रिलायबल ब्रांड की ओर ही जाना चाहिए. स्कीम्स की वैल्यू भी चेक करनी लेनी चाहिए. ऐसा न हो कि 5 हजार की शॉपिंग पर जो गिफ्ट मिल रहा हो. उसका रेट भी कम हो और वो आपके यूज के भी न हो. होम एप्लाइंस कम्पनी अगर कॉम्बो ऑफर दे रही हो तो पहले कॉम्बो में मिलने वाले आइटम्स के रेट जरूर पता कर लें. गारमेंट में भी अक्सर कम प्राइज के आइटम्स पर ज्यादा का टैग लगाकर फ्री स्कीम स्टार्ट कर दी जाती है. गारमेंट को चेक कर के ही परचेज करें.
-आमिर सिद्दीकी,
प्रोपराइटर शाइन इवेंट
शापिंग करने से पहले बजट के साथ-साथ जरूरी सामान की लिस्ट बनाएं और फिर मार्केट जाएं. स्मार्ट शॉपिंग के लिए आइटम्स के रेट अलग-अलग जगहों से पहले से ही पता कर लेना बेनिफीशियल होगा.