एक बार फिर करीब 32 साल बाद नीरजा भनोट का नाम सुर्खि‍यों में हैं। हाल ही में एफबीआई ने पैन एएम की फ्लाइट को हाईजैक करने वाले चार अपहरणकर्ताओं की तस्वीर जो जारी की है। नीरजा की बहादुरी को आज पूरी दुन‍िया याद करती है। उनके साहस को देखते हुए से पाक‍िस्‍तान ने भी उन्‍हें तमगा-ए-इंसानियत का नाम द‍िया। आइए जानें नीरजा भनोट और फ्लाइट हाईजैक वाले इस पूरे मामले के बारे में...


50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम भी रखाहाल ही में फेडरल ब्युरो ऑफ इनवेस्टीगेशन यानी कि एफबीआई 1986 में हाईजैक हुई पैन एएम की फ्लाइट के अपहरणकर्ताओं की तस्वीर जारी की है। ये आतंकी मुहम्मद हाफिज अल-तुर्की, जमाल सईद अब्दुल रहीम, मुहम्मद अब्दुल्ला खलील हुसैन और मुहम्मद अहमद अल-मुनवर हैं। एफबीआई ने ट्वीट कर जानकारी दी है। ये चारो आतंकी अबु निदल संगठन(एएनओ) के सदस्य बताए जाते हैं। ये एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादी की सूची में शामिल हैं। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने आरोपियों की सूचना देने वालों के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम भी रखा है।
नीरजा की बहादुरी को पाकिस्तान ने सलाम किया

नीरजा ने अपने साथियों के साथ 41 अमेरिकी नागरिकों के पासपोर्ट को छिपा दिए थे। इसलिए यात्रियों को बचाने के प्रयास के दौरान आतंकवादियों ने नीरजा भनोट समेत करीब 20 लोगों की हत्या कर दी थी। 7 सितंबर 1963 को चंड़ीगढ़ में जन्मी नीरजा की बहादुरी को पाकिस्तान ने सलाम किया। पाकिस्तान ने नीरजा के इस कदम की वजह को देखते हुए उन्हें तमगा-ए-इंसानियत का नाम दिया। वहीं अमेरिका सरकार ने उनके लिए प्रशस्ति पत्र जारी किया। इस हादसे के समय नीरजा की उम्र महज 22 साल थी। वहीं भारत सरकार ने नीरजा को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा है।अब गणतंत्र दिवस पर यहां फहरेगा 111 फीट ऊंचा तिरंगा, चर्चा में रहे देश के ये ऊंचे तिरंगे भी

Posted By: Shweta Mishra