एक जून से देश में पंजाब हरियाणा समेत कर्इ राज्यों के किसान हड़ताल पर चले गए हैं। 10 दिवसीय हड़ताल के चलते दूध और अन्य खाद्य पदार्थों का संकट उठना पड़ सकता है।

दूध के अलावा दूसरे खाद्य पदार्थों को डंप कर दिया
चंडीगढ़ (आईएएनएस)। एक जून से देश के अन्नदाता दस दिवसीय हड़ताल पर हैं। इसमें पहलें दिन  पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे दूसरे राज्यों के किसान भी शामिल हैं। किसानों ने हड़ताल के दौरान दूध सब्जियों की सप्लाई बंद कर दी है।बड़ी संख्या में सड़कों पर अपने उत्पाद और अन्य खाद्य पदार्थों को डंप कर दिया है।किसानों ने सड़कों पर हजारों लीटर दूध बहाया है।

शहरों की सीमा पर पूरी तरह से नाकाबंदी कर रखी

देश में अन्नदाताओं की इस हड़ताल में कल पहले दिन  फरीदकोट, संगरूर, होशियारपुर और पंजाब के दूसरे में इलाकों के किसानों ने शहरों की सीमा पर पूरी तरह से नाकाबंदी कर रखी थी। माल लेकर शहर जाने वाले वाहनों को भी रोका था। भारतीय किसान संघ के बैनर के तहत किसानों का कहना है कि वे सब्जी, दूध और किसी भी तरह के दूसरे उत्पादों  को बाजार तक नहीं पहुंचाएंगे।
वहीं किसान ग्रामीण इलाकों में बेच सकेंगे उत्पाद
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि किसानों ने शहरों में सब्जियां, दूध व फल आदि वस्तुओं की आपूर्ति रोक दी है। आंदोलन के दौरान दस दिन तक किसान शहरों में अपनी उपज नहीं लाएंगे। हालांकि ग्रामीण इलाकों में बेच सकेंगे। राजेवाल ने कहा कि केंद्र की कथित किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान स्वेच्छा से आंदोलन कर रहे हैं।
जनता के माथे पर चिंता की लकीरे साफ दिख रही
किसानों की मांग है कि कृषि कर्ज माफ हों।इतना ही नहीं किसानों को सभी फसलों का सही मूल्य मिले-न्यूनतम आय गारंटी योजना लागू हो।इसके साथ ही स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू हो। वहीं इस हड़ताल से आम जनता के माथे पर चिंता की लकीरे साफ दिख रही हैं। आम जनमानस का कहना है कि अगर किसानों का यह दस दिवसीय आंदोलन जारी रहेगा तो शहरों में संकट होगा।

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Posted By: Shweta Mishra