Cyclone Tauktae: किसने रखा तूफान का नाम 'तौकते', जानें कैसे रखे जाते हैं तूफानों के नाम
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। चक्रवात तूफान 'तौकते' गंभीर रूप ले चुका है। यह आज शाम गुजरात तट पर पहुंचेगा और उस वक्त 185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की बहुत संभावना है। यह तूफान काफी खतरनाक है। इसलिए इसका नाम भी एक छिपकली के ऊपर रखा गया है। दरअसल तौकते का नामकरण भारत के पड़ोसी देश म्यांमार ने किया है।समझौते के तहत रखे जाते हैं इनके नाम
दरअसल तूफानों के नाम एक समझौते के तहत रखे जाते हैं। इस पहल की शुरुआत अटलांटिक क्षेत्र में 1953 में एक संधि के माध्यम से हुई थी। अटलांटिक क्षेत्र में ह्यूरिकेन और चक्रवात का नाम देने की परंपरा 1953 से ही जारी है जो मियामी स्थित नैशनल हरिकेन सेंटर की पहल पर शुरू हुई थी। 1953 से अमेरिका केवल महिलाओं के नाम पर तो ऑस्ट्रेलिया केवल भ्रष्ट नेताओं के नाम पर तूफानों का नाम रखते थे। लेकिन 1979 के बाद से एक मेल व फिर एक फीमेल नाम रखा जाता है।
साल 2005 में बरमूडा में आए फेलिप तूफान का नाम संत फेलिप के नाम पर रखा गया था।वरदा :पिछले वर्ष तमिलनाडु को वरदा चक्रवात का सामना करना पड़ा था। वरदा का अर्थ दरअसल लाल गुलाब होता है। लेकिन इसके नाम के अर्थ पर ज्यादा तवज्जो देने की जरूरत इसलिए नहीं है क्योंकि इनकी प्रकृति तबाही मचाने की ही होती है। जहां तक वरदा की बात है इसका नाम पाकिस्तान ने दिया था।महासेन :2013 में श्रीलंका सरकार ने एक तूफान का नाम &महासेन&य रख दिया था जिसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था। इसकी वजह थी कि महासेन श्रीलंका के इतिहास में समृद्धि और शांति लाने वाले राजा के तौर पर दर्ज हैं, जिनके नाम पर एक विनाशकारी तूफान का नाम रख दिया गया था। बाद में सरकार ने यह नाम वापस ले लिया था।
'फालीन' चक्रवात का नाम थाईलैंड की ओर से सुझाया गया था। 2014 में म्यांमार ने इस इलाके में आए तूफान का नाम &नानुक&य तो वहीं पाकिस्तान ने नीलम, नीलोफर नाम दिया था।
फेनी :फेनी तूफान के आने से ओडिशा में भीषण बारिश हुई थी। साल 20219 में आए इस तूफान ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में काफी तबाही मचाई थी। फेनी तूफान को यह नाम बांग्लादेश ने दिया था और इसका बांग्ला और ओडिया में मतलब नाग का फन होता है।