बॉलीवुड में हीरो ही नहीं विलेन का रोल करने वाले भी कई कलाकारों ने फैंस के दिल में जगह बनाई है। उनके अभिनय ने पर्दे पर उनके चरित्र से लोगों को नफरत करने के लिए मजबूर कर दिया था। ऐसे ही एक मशहूर विलेन हुए हैं प्रेम चोपड़ा जिनका फिल्म बॉबी का डायलॉग प्रेम नाम है मेरा उनकी पहचान बन गया था। आइये आज उनके जन्मदिन पर जानें उनके ऐसे ही दस मशहूर संवादों के बारे में जो आज तक लोगों की जुबान पर आ जाते हैं।
By: Molly Seth
Updated Date: Thu, 22 Sep 2016 03:55 PM (IST)
मैं वो बला हूं जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूं। ये संवाद है फिल्म 'सौतन' से।
शराफत और ईमानदारी का सर्टिफिकेट ये दुनिया र्सिफ उन्हें देती है जिनके पास दौलत होती है। ये डायलॉग फिल्म 'आग का गोला' में है।
फिल्म 'कटी पतंग' का ये डायलॉग भी काफी मशहूर हुआ था। कैलाश खुद नहीं सोचता दूसरों को मजबूर करता है सोचने के लिए।
बादशाहों का अंदाजा बहुत कम गलत होता है और जब गलत होता है तो वो बादशाह नहीं रहते। ये डायलॉग है फिल्म 'अलीबाबा चालीस चोर' से।
फिल्म 'खिलाड़ी' के इस डायलॉग ने भी काफी रंग जमाया था। राजनीति की भैंस के लिए दौलत की लाठी की जरूरत होती है।
फिल्म 'सौतन' का ये डायलॉग तो सोशल साइटस के जोक्स में टॉप लिस्ट में है। जिनके घर शीशे के होते हैं वो बत्ती बुझा कर कपड़े बदलते हैं।
कर भला हो तो भला। फिल्म 'राजा बाबू' का ये डायलॉग अब एक कहावत बन चुका है।
फिल्म 'वारिस' का ये डायलॉग भी काफी चर्चित रहा। सांप के फन उठाने के पहले उसे कुचलना मैं अच्छी तरह जानता हूं।
फिल्म 'खिलाड़ी' का ये डायलॉग भी मशहूर हुआ। अपोजीशन अगर जनता को भाषण देती है तो हम जनता को राशन देंगे।
फिल्म 'क्षत्रिय' में तकिया कलाम की तरह बोला ये डायलॉग भले ही विलेन ने बोला पर एक अच्छी सलाह के तौर पर मश्ाहूर हुआ। मीठा बोल बड़ा अनमोल।Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk
Posted By: Molly Seth