पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने वाली खिलाड़ी हलीमा रफ़ीक़ ने तेज़ाब पीकर आत्महत्या कर ली है.


रफ़ीक और चार अन्य महिला क्रिकेटरों ने पिछले साल एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बोर्ड के दो अधिकारियों पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया था.उनका कहना था कि मुल्तान क्रिकेट क्लब के अध्यक्ष मौलवी सुल्तान आलम और चयनकर्ता मोहम्मद जावेद ने क्षेत्रीय टीम या राष्ट्रीय टीम में शामिल करने की अनुशंसा के बदले  हमबिस्तर होने की मांग की थी.आरोपों से इनकारदोनों अधिकारियों ने आरोपों से इनकार किया था. बाद में  पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक जांच दल को भी आरोपों को लेकर कोई सबूत नहीं मिला था.पांचों खिलाड़ियों पर अनुशासनहीनता और महिला क्रिकेट को बदनाम करने के आरोप में नौ महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया था.अप्रैल में प्रतिबंध की अवधि ख़त्म होने के बाद रफ़ीक़ के अलावा सभी खिलाड़ी फिर से मैदान में लौट गई थीं.
रफ़ीक़ के परिजनों के मुताबिक़ आलम ने पांचों खिलाड़ियों और एक्सप्रेस टीवी के दो अधिकारियों पर 20 करोड़ रुपए की मानहानि का मुक़दमा दायर कर दिया था. कार्यक्रम एक्सप्रेस टीवी ने ही प्रसारित किया था.रफ़ीक़ के बहनोई राशिद लतीफ़ ने बताया कि इस संबंध में नोटिस मिलने के बाद . इसके बाद से रफ़ीक़ बीमार महसूस करने लगी थीं.


हाल में कोर्ट ने इस मामले में सभी को पेश होने का हुक्म दिया था.अस्पताल का जवाबइसके बारे में अख़बार के ज़रिए मालूम होने के बाद रविवार दोपहर रफ़ीक़ ने बाथरूम में जाकर तेज़ाब की पूरी बोतल पी ली.परिजनों का कहना है कि वो उन्हें मुल्तान के निश्तर अस्पताल में दो बार ले गए. पहली बार पेट साफ़ करने वाली दवा देकर घर भेज दिया गया. लेकिन उनकी हालत बिगड़ती गई. इसके बाद उसे फिर अस्पताल ले गए. लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.पुलिस का कहना है कि मौत को परिवार ने आत्महत्या के रूप में नहीं दर्ज कराया है.लतीफ़ कहते हैं कि वो लोग क़ानूनी पचड़ों से बचना चाहते थे.बीबीसी की मौलवी सुल्तान आलम से संपर्क करने की कोशिश नाकाम रही.

Posted By: Satyendra Kumar Singh