द्वतीय विश्व युद्ध के दौरान रूस ने पूरी दुनिया को जंग का एक ऐसा हथियार जिसे आज भी सैनिकों की पहली पसंद है। इस हथियार की खोज ने रूसी सेना को कई युद्ध जीतने में मदद की। कई मुल्कों ने इस हथियार की कॉपी बनाने की भी कोशिश की पर कोई कामयाब नही हुआ। हम आप को आज दुनिया की सबसे बेहतरीन असाल्ट राइफल की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।
By: Prabha Punj Mishra
Updated Date: Tue, 25 Oct 2016 03:30 PM (IST)
2- रूस के शहर इझेव्स्क को लोग बन्दूक बनाने वाले कारीगरों के ऐतिहासिक शहर के रूप में जानते हैं। असाल्ट राइफल एक47 को बनाने के लिए इझमाश नाम के मशीनी कारखाने की स्थापना 1807 में मास्को से 600 मील उत्तर-पूर्व में इझेव्स्क नगर में की गई थी। 4- द्वतीय विश्वयुद्ध के दौरान एक युवा टैंक चालक मिखाइल कलाशनिकोव भी दुश्मनों से मोर्चा लेने के लिए गया था। युद्ध में वह बुरीतरह जख्मी हो गया। उसके साथियों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल में अपने इलाज के दौरान मिखाइल सिर्फ एक ही बात सोच रहे थे कि अपनी सेना को अच्छे हथियार केसे दिए जाएं।
6- मिखाइल ने कई हथियारों के डिजाइन बनाए। सैकड़ो डिजाइन असफल होने के बाद बाद आखिरकार 1947 में वह समय आया जब एक रक्षा उपकरण खरीद एजेंसी ने एक प्रतियोगिता के दौरान मिखाइल के असाल्ट राइफल के डिजाइन को स्वीकार किया। मिखाइल ने इस राइफल का नाम एक 47 रखा। क्योंकि इसे 1947 में तैयार किया गया था।
8- 1949 में एक 47 को रूसी सेना के लिए चुना गया है। इसके लिए उन्हें गौरवशाली स्तालिन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इझमाश के उत्पादों का निर्यात 27 देशों में किया जाता है। जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, नॉर्वे, इटली, कनाडा, कजाखस्तान तथा थाइलेंड शामिल हैं।
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