दुनिया भर में फैल रहे कोरोना वायरस को रोकने के लिए Facebook शोधकर्ताओं और सरकारों के साथ यूजर्स की मूवमेंट उसके रिलेशनशिप्‍स का डेटा शेयर कर रहा है। इसका क्‍या फायदा होगा आगे जानें।


सैन फ्रांसिस्को (एएफपी)फेसबुक ने बताया है कि वो कोरोना को फैलने से रोकने और सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने के नजरिए से सरकारों और शोधकर्ताओं के साथ अपने यूजर्स का बेनामी डेटा शेयर कर रहा है। इस डेटा में दुनिया भर में मौजूद फेसबुक यूजर्स की लोकेशन, पिछले दिनों में उनकी मूवमेंट और उनके रिश्‍तों से जुड़ी जानकारियां शामिल हैं। फेसबुक का कहना है कि लोगों के इस डेटा को जांचने से यह पता लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में कोरोना के फैलने का संभावित खतरा किन जगहों पर है।

फेसबुक एक ऑग्‍मेंटिंग मैप पर दिखाएगा जनसंख्‍या की मूवमेंट

फेसबुक के प्रमुख केएक्स जिन और लौरा मैकगोर्मन की पोस्ट बताती है कि दुनिया का लीडिंग सोशल नेटवर्क फेसबुक एक ऑग्‍मेंटिंग मैप को और भी उन्‍नत कर रहा है जो पूरी दुनिया की जनसंख्‍या की मूवमेंट एक जगह पर दिखाएगा, वो भी यूजर्स की प्राइवेसी का छेड़े बिना। यानि इस नए टूल की मदद से सरकारों और रिसर्च टीमों को पता चल पाएगा कि लोग कब कहां सबसे ज्‍यादा इक्‍ट्ठे हुए और इससे कोरोना के फैलने के संभावित स्‍थानों का पता चल पाएगा।

गूगल ने भी उतारा यूजर्स की मूवमेंट दिखाने वाला टूल

बता दें कि Google ने पिछले हफ्ते एक ऐसे ही मिलते जुलते टूल की घोषणा की थी, जिसमें कहा गया है कि यह दुनिया भर में यूजर्स के लोकेशन डेटा का एक स्नैपशॉट शेयर करेगा। इससे सरकारों को COVID-19 महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए सोशल डिस्‍टेसिंग के उपायों का असर नजर भी आएगा, अगर लोग उसका पालन ठीक से कर रहे हैं। फिलहाल फेसबुक जो टूल और डेटा शोधकर्ताओं के साथ शेयर कर रहा है, उनमें हर यूजर्स के के आसपास के नक्‍शे भी शामिल हैं, जो एक खास स्थान पर लोगों के जमा होने की संभावनाओं उनके आपस में संपर्क में आने की पॉसिबिल्‍टी को दिखाते हैं, यह सारी जानकारी इस बात का संकेत देती है कि COVID-19 के नए मामले कहां दिखाई दे सकते हैं।

Posted By: Chandramohan Mishra