फ़ेसबुक महिलाओं के आत्मविश्वास का दुश्मन?
शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे अपने रंग-रूप और बॉडी इमेज के प्रति उनमें हीन भावना पनपती है.अध्ययन के मुताबिक़ जो महिलाएं सोशल मीडिया पर 'सेल्फ़ी' तथा दूसरे क़िस्म की तस्वीरें ज्यादा डालती हैं और देखती हैं, वे दूसरों से ख़ुद की नकारात्मक तुलना करने लगती हैं.ब्रिटेन और अमरीका के विशेषज्ञों का कहना है कि दोस्तों की तस्वीरें कई बार मशहूर हस्तियों से ज्यादा प्रभाव डालती हैं क्योंकि वे जानी-पहचानी होती हैं.सोशल मीडिया का बॉडी इमेज पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, इस बात का पता पहली बार इस अध्ययन से चला है.इससे पहले कोई नहीं जानता था कि सोशल मीडिया आपकी अपनी छवि के प्रति नकारात्मक भावनाएं पैदा करता है.शोधनवयुवतियां सोशल मीडिया पर पुरुषों की तुलना में सबसे ज्यादा समय बिताती हैं. वे इंटरनेट पर अपनी तरह-तरह की तस्वीरें शेयर करती रहती हैं.
बॉडी इमेज पर पड़ने वाले असर के बारे में पता लगाने के लिए ओहियो यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ आईवा और स्ट्रैथक्लिडे यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कॉलेज में पढ़ने वाली 881 छात्राओं को अपने शोध में शामिल किया.इन छात्राओं से फ़ेसबुक के इस्तेमाल, खान-पान, कसरत और बॉडी इमेज के बारे में सवाल किए गए.
सिएटल की एक कांफ्रेंस में प्रस्तुत किए गए शोधपत्र में फ़ेसबुक और खाने-पीने की अनियमितता के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया.हां, इस शोधपत्र में इस बात का उल्लेख ज़रूर था कि सोशल नेटवर्क पर बिताए गए समय और बॉडी इमेज के बीच नकारात्मक संबंध होता है.'बचकानी छवि'
"सोशल मीडिया पर पर्सनैलिटी और फिगर से जुड़ा प्रभाव परंपरागत मीडिया की तुलना में अधिक ख़तरनाक होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर हमसे वैसे लोग जुड़े होते हैं, जिन्हें हम जानते हैं."पेत्या इक्लर, स्ट्रैथक्लिडे यूनिवर्सिटीखाने-पीने से जुड़ी गड़बड़ियों के बारे में काम करने वाली चैरिटी संस्था 'बीट' के प्रवक्ता कहती हैं कि बॉडी इमेज हमारी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है.वह कहती हैं कि वज़न और फिगर की चिंता आजकल आम बात है. दुनिया भर की महिलाओं में आमतौर पर ये चिंता देखी जा सकती है.उन्होंने कहा, "जब शरीर बढ़ रहा होता है और उसमें बदलाव आ रहे होते हैं तो उसी दौरान हम अपनी पहचान स्थापित करने की कोशिश में लगे होते हैं. ऐसे में किसी मशहूर हस्ती, उसके शरीर, कपड़े और रंगरूप के प्रति आकर्षण से हमारे ऊपर दबाव बढ़ जाता है."प्रवक्ता ने कहा, "ऐसे में जब युवा जब अपने लुक और बॉडी इमेज की तुलना उनसे करते हैं, तो उन्हें सदमा पहुंचता है."