भाजपा के निष्काषित एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कैद की सजा सुनाई है। आइये उन्नाव केस में शुरू से क्या क्या हुआ उसके बारे में जानें...


नई दिल्ली (पीटीआई)। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को भाजपा के निष्काषित एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में शुरू से क्या क्या हुआ, आइये उसके बारे में विस्तार से जानें...Delhi court verdict in Unnao case : कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कैदजून 4, 2017भाजपा विधायक सेंगर ने 17 साल की लड़की के साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया।अप्रैल 3, 2018रेप पीड़िता के पिता की कुछ व्यक्तियों ने पिटाई की और सेंगर व 10 अन्य लोगों के इशारे पर उन्हें अवैध हथियार रखने के झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया।8 अप्रैलउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास के बाहर दुष्कर्म पीड़िता ने खुद को मारने की कोशिश की और पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। 9 अप्रैल


दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत हो गई।10 अप्रैलइलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म मामले को सीबीआई को सौंप दिया।13 अप्रैल सेंगर को किया गया गिरफ्तार।11 जुलाई सीबीआई ने दुष्कर्म के मामले में चार्जशीट दायर किया।17 जुलाई, 2019

दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखा, जिसमें सेंगर और उनके आदमियों से उनकी जान को खतरा और उनके तरफ से मिलने वाली धमकियों के बारे में बताया। 28 जुलाईतेज रफ्तार वाली ट्रक ने एक कार को टक्कर मारी, जिसमें दुष्कर्म पीड़िता, उसका परिवार और वकील यात्रा कर रहे थे। इस हादसे में पीड़िता के दो चाचियों की मौत हो गई, जबकि वह और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। 29 जुलाईसड़क दुर्घटना के संबंध में सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ रायबरेली के गुरुबक्सगंज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई।30 जुलाई दुष्कर्म पीड़िता द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखा गया पत्र सबके सामने आया। 31 जुलाई सुप्रीम कोर्ट ने पत्र का संज्ञान लिया, पीठ के समक्ष रखने में देरी पर अपने महासचिव से रिपोर्ट मांगी।1 अगस्तसुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले से जुड़े पांच मामलों को दिल्ली स्थानांतरित किया, ट्रायल कोर्ट को 45 दिनों में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया।5 अगस्ततीस हजारी कोर्ट में डे टू डे सुनवाई शुरू हुई। लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से नई दिल्ली में एम्स के ट्रामा सेंटर दुष्कर्म पीड़िता को रेफर किया गया।9 अगस्त

कोर्ट ने दुष्कर्म केस में सेंगर और सह-आरोपी शशि सिंह के खिलाफ आरोप तय किए।11 सितंबर दुष्कर्म पीड़िता के बयान को दर्ज करने के लिए एम्स में विशेष अस्थायी अदालत स्थापित की गई।25 सितंबरदुष्कर्म पीड़िता को एम्स से छुट्टी मिली 6 दिसंबर ट्रायल कोर्ट के आदेश पर दिल्ली की महिला आयोग ने दिल्ली में किराए के घर में पीड़िता के रहने की व्यवस्था की। 10 दिसंबरकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।16 दिसंबर दिल्ली की अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के लिए सेंगर को दोषी ठहराया। सह-आरोपी शशि सिंह को बरी किया।20 दिसंबरसेंगर को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई, उस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

Posted By: Mukul Kumar