हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला को 4 साल की सजा, आय से अधिक संपत्ति मामले में जाएंगे जेल
नई दिल्ली (एएनआई)। ओम प्रकाश चौटाला पर दिल्ली की स्पेशल सीबीआई ने 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही कोर्ट ने उनकी चार संपत्तियों को जब्त करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने जब यह फैसला सुनाया तब वह अदालत कक्ष में मौजूद थे। स्पेशल जज (पीसी एक्ट) विकास ढुल ने पिछले हफ्ते चौटाला को दोषी ठहराया था । उन्होंने कहा था कि आरोपी अपनी अपनी आय का माध्यम बताने में असमर्थ रहा था जिसके कारण कोर्ट उसकी उस अवधि के दौरान की संपत्ति जब्त करेगी। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) की एफआईआर के अनुसार आरोपी ओम प्रकाश चौटाला ने 24 जुलाई, 1999 से 5 मार्च, 2005 की अवधि के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद में काम करते थे। आय से 189.11 प्रतिशत था ज्यादा
एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने भारी संपत्ति जमा की और पूरे देश में हजारों एकड़ जमीन, मल्टी कॉम्प्लेक्स , होटल, फार्महाउस, बिजनेस एजेंसियां, पेट्रोल पंप और अन्य में इन्वेस्ट किया इसके अलावा विदेश में भी इन्वेस्ट किया है। जांच के कन्क्लूश़न के बाद मामले में दायर चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी ओम प्रकाश चौटाला ने मूवेबल और इमोवेबल दोनों संपत्ति एक्वायर्ड की थी। जो उनकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी। आय से अधिक संपत्ति का कैलकुलेशन 6,09,79,026 रुपये का किया गया था। जो उनकी आय से 189.11 प्रतिशत ज्यादा था। जिसके बाद सीबीआई ने भ्रष्टाचार से संबंधित धारा के तहत अपराध के लिए आरोपी को चार्जशीट किया था। सीबीआई ने आरोपी ओपी चौटाला के खिलाफ दायर चार्जशीट के आलावा उनके बेटों अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला के खिलाफ भी चार्जशीट दायर कि है। जिन पर अलग से विचार किया जा रहा है।जनवरी 2013 में, दिल्ली की अदालत ने सुनाई थी सजा
ओम प्रकाश चौटाला इंडियन नेशनल लोक दल से हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और छठे उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के पुत्र हैं। चौटाला को तय ड्यू फॉर्मेलिटीज पूरी करने के बाद 2 जुलाई, 2021 को 10 साल की जेल की सजा पूरा करने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था। जून 2008 में उन पर और 53 अन्य पर 1999-2000 के दौरान हरियाणा राज्य में 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की अप्वाइंटमेंट के संबंध में आरोप लगाए गए थे। जनवरी 2013 में, दिल्ली की अदालत ने चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को आईपीसी के विभिन्न प्रोविजन और भ्रष्टाचार के एक्ट के तहत 10 साल की सजा सुनाई है।