आनंद के साथ कैसे जिएं? ओशो के इस संदेश से मिलेगा मार्गदर्शन
ओशो। वह जीवन के समस्त रंगों को जीए। आपको जो भी मिला है, वह परमात्मा का दिया है। इसलिए शुभ है। जो भी उन्होंने दिया है, अर्थपूर्ण है उसमें से किसी भी चीज का इंकार करना, परमात्मा का ही इंकार है और यह नास्तिकता है। वर्तमान के होकर रहें, जिससे आप प्रत्येक क्षण ताजगी, जीवंतता और युवा हृदय से एक महान साहसिक अभियान के साथ जी सकेंगे। गलतियों से ही सीखता है इंसान
जब तक आपका जीवन परमानंद न बन जाए, इसका अर्थ है कि आपने उसे जिया ही नहीं। आप सबसे जरूरी बात और लक्ष्य से चूक गए। आपके बच्चे जब बड़े हो जाएं, तो उन्हें अपना मार्ग स्वतंत्रता से खोजने की अनुमति दें। जहां आपको लगे कि उनका निर्णय गलत है, तो आप उन्हें सलाह दे सकते हैं, लेकिन दबाव तो उन पर कतई न बनाएं। आप पाएंगे कि वे गलतियां तो कर रहे हैं, लेकिन उनसे सीख भी रहे हैं, ताकि वे दोबारा गलतियां न करें।
अनुभव ही काम आते हैंगिरकर खड़ा होना ही मजबूत बनने का एकमात्र मार्ग है और यही केवल सीखकर बुद्धिमान बनने का भी मार्ग है। हमारा जीवन कुछ इस तरह का है कि आज वह एक चीज है, तो कल वह दूसरा होगा। यह कोई नहीं जानता कि परसों वह कैसा होगा? आपके याद किए हुए प्रश्न तुम्हारी दूसरों से उधार ली गई जानकारी, कभी भी जीवन के साथ ठीक नहीं बैठती। अनुभव ही काम आते हैं।
अपने विचार न थोपेंअपनी विचारधाराओं से बच्चों को अवगत जरूर कराएं, लेकिन उनका बोझ मत लादें। प्रत्येक व्यक्ति को अपना दीया अपने आप बनने दें। पक्षियों की तरह उन्हें स्वयं उड़ना सीखने दें, ताकि वे जीवन की उड़ान अच्छी तरह भर सकें।भगवान की भक्ति में मौजूद शक्ति को पहचानिए, बाकी शक्तियां लगेंगी बेकार!तोता ज्ञान नहीं बल्कि आध्यात्मिक परिपक्वता से होगा आपका जीवन सफल!