ज़्यादातर जानवर आम तौर पर जोड़ों के बंधनों में नहीं बंधते। पांच फ़ीसदी से कम जानवर ही जोड़े में बंधते हैं इनमें से ज़्यादातर अपने पार्टनर को ख़ूब धोखा भी देते हैं।


लेकिन यूरोप में पाए जाने वाले उदबिलाव ऐसे नहीं होते। उदबिलाव का एक जोड़ा जिंदगी भर एक दूसरे के प्रति वफ़ादारी निभाता है।चेक गणराज्य के प्राग स्थित चार्ल्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस विषय पर अध्ययन किया है।उन्होंने रूस के किरोव क्षेत्र में उदबिलावों की कई बसावटों का अध्ययन किया और इस नतीजे तक पहुंचे।पावेल मनक्लिंगर के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के दल ने इन उदबिलावों के परिवारों की अनुवांशिक संबंधों का विस्तृत अध्ययन किया।प्रत्येक बसावट में ये बात उभर कर सामने आई कि वहां रह रहे उदबिलाव उन्हीं माता-पिता की संतान थे जिन साथियों के साथ उनके माता-पिता रह रहे थे।ये नतीजे मैमल रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।हालांकि ये बात दिलचस्प है कि अमरीका में पाए जाने वाले उदबिलाव अपने साथी के प्रति उतने वफ़ादार नहीं होते।अमरीकी उदबिलावों की संख्या भी ज़्यादा हैं।
अमरीका में मादा उदबिलाव को कोई बेहतर पुरुष उदबिलाव नजर आता है तो वह बेहतर संतान की चाह में उसके संपर्क में आ जाती है।लेकिन मनक्लिंगर के मुताबिक भरोसेमंद होने के भी अपने फ़ायदे हैं। मनक्लिंगर ने कहा, "इससे जीन संबंधी बीमारियों का ख़तरा कम हो जाता है।"


वैसे यूरोपीय उदबिलावों के अपने साथी के प्रति भरोसेमंद रहने का एक फायदा ये तो हुआ है कि उनकी संख्या ब्रिटेन में बढ़ रही है।बावजूद इसके हकीकत यही है कि ज्यादातर जानवर शारीरिक संबंधों में एक दूसरे के प्रति वफ़ादार नहीं होते।कुछ ही स्तनधारी जीव जीवन भर का साथ निभाते हैं, इसमें यूरेशिया में पाए जाने वाला मैदानी चूहा, उदबिलाव और नाइट मंकी शामिल हैं।जानवर की तुलना में पक्षी अपने पार्टनर के प्रति ज़्यादा ईमानदार होते हैं।

Posted By: Satyendra Kumar Singh