BS-IV वाहन खरीदने जा रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें, हो सकता है तीन साल बाद बैन
पहले से एलर्ट हो जाएं
हाल ही में पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण यानी की ईपीसीए ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जिसमें न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ में उसने बीएस-4 वाहनों का मामला उठाया है। पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण ने अदालत में मांग की है कि 1 अप्रैल 2020 के कटऑफ के बाद बीएस-4 के वाहनों की बिक्री को रोका जाए। 2020 से देश में बीएस-6 के मानदंडों के अनुरूप तैयार वाहनो की बिक्री शुरू की जाए। ऐसे में इसके लिए अभी से वाहन कंपनियों को इसके लिए एलर्ट होना होगा।
बैटरी संचालित वाहन
पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण ने अपनी व्यापक योजना में बैटरी संचालित वाहनों की शुरूआत करने की भी सिफारिश की है। उसने बैटरी चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की योजना के लिए एक बेहतर ढांचे की भी मांग की है। इसके अलावा प्रदूषण को कम करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण ने और भी कई बड़ी योजनाएं तैयार की हैं। पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण का कहना है कि सड़कों पर वाहनों को कम करने से भी प्रदूषण कम होगा। इसके लिए बसों की बढ़ोतरी, मेट्रो सेवाओं, बसों में आईटी सिस्टम को बढाया जाए।
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1 अप्रैल से बीएस-3
इतना ही नहीं बस स्टॉप और बसों की विश्वसनीयता के लिए नियंत्रण केंद्रों को उन्नत करने और बसों के लिए बहु-स्तरीय पार्किंग आदि की उच्च व्यवस्थाएं की जाएं। गौरतलब है कि हाल ही में न्यायालय ने एक आदेश पारित कर बीते 1 अप्रैल से बीएस-3 मानक वाले सभी वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिससे अब बीएस-4 मानक वाले वाहनों की ब्रिक्री तेजी से शुरू हो गई है। वहीं ऐसे में अगर अगर अप्रैल 2020 से बीएस-6 वाहनों की बिक्री और पंजीकरण शुरू होता है तो कई महीने पहले ही बीएस-4 मानक वाले वाहनों का निर्माण बंद हो जाएगा।