पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसे रोगों का पता लगाने का सस्ता और सुरक्षित तरीका विकसित करने में वैज्ञानिकों के एक समूह को कामयाबी मिली है। नए बायोसेंसर से तंत्रिका तंत्र की इन बीमारियों से संबंधित मोलीक्यूल का जल्दी पता लगाया जा सकता है। इससे कई तरह के कैंसर की भी पहचान हो सकेगी।


ब्राजील की नेशनल नैनोटेक्नोलाजी लेबोरेटरी ने ढूंढा तरीकाब्राजील स्थित नेशनल नैनोटेक्नोलाजी लेबोरेटरी के शोधकर्ताओं ने इस डिवाइस को विकसित किया है। इस लेबोरेटरी के फंक्शनल डिवाइस एंड सिस्टम लैब के हेड कार्लोज सीजर बोफ बफन ने कहा यह इस तरह के जटिल रोगों के मोलीक्यूल की झटपट पहचान कर सकता है। इस सुरक्षित और किफायती तरीके में नैनोमीटर-स्केल सिस्टम का उपयोग किया गया है।आर्गेनिक ट्रांजिस्टर टेक्नोलाजी का हुआ इस्तेमालशोधकर्ताओं के अनुसार बायोसेंसर नमूने में निम्न स्तर पर भी मोलीक्यूल होने पर उनका पता लगा सकता है। इसके लिए पहली बार आर्गेनिक ट्रांजिस्टर टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया गया है। इस सिस्टम को दूसरी बीमारियों का पता लगाने में भी अपनाया जा सकता है। शोधकर्ताओं की टीम अब पेपर आधारित बायोसेंसर विकसित करने पर काम कर रही है। इससे लागत में और कमी आने के साथ ही ज्यादा सटीक जानकारी मिल सकेगी।

Posted By: Prabha Punj Mishra