कंपनी एरिया में ठप रही बिजली की सप्लाई
JAMSHEDPUR: दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के ग्रिड में आई तकनीकी खामी के कारण मंगलवार को दोपहर में कंपनी क्षेत्र के अधिकतर इलाकों में लाइन बंद रही. जुस्को प्रबंधन का कहना है कि ग्रिड में आई तकनीकी खामी के कारण जोजोबेड़ा प्लांट में स्थापित 120 मेगावाट की मशीन ट्रिप होने के कारण बंद हो गयी. इसके बाद 240 मेगावाट वाले सिस्टम से पावर देना शुरू हुआ. जब तक पावर री-स्टोर नहीं हुआ, तब तक अधिकतर कंपनी इलाकों में बिजली की सेवा बाधित रही. अधिकतर इलाकों में आधे-आधे घंटे पर बिजली आती-जाती रही. सुबह दस बजे से शुरू हुई परेशानी शाम पांच बजे के बाद सामान्य हो पाई. पावर ट्रिप होने के कारण सोनारी, कदमा, बिष्टुपुर, बाराद्वारी, गोलमुरी, सिदगोडा सहित अधिकतर क्षेत्रों की जनता को परेशानी झेलनी पड़ी.
उड़ जाता है फ्यूजउधर, शहर के नन कंपनी एरिया जुगसलाई, मानगो, बागबेड़ा, सोनारी कदमा, बिरसानगर, छोटा गोविंदपुर, सरजामदा, गोलपहाड़ी आदि इलाके में भी बिजली परेशानी का सबब बन गई है. रात को यहां अचानक बिजली गुल हो जाती है. राज्य से फुल लोड बिजली मिलने के बाद भी बिजली का गुल होना लोगों को हजम नहीं हो रहा है. अधिकारी जेबीवीएनएल के इंजीनियरों पर दबाव बनाए हुए हैं. लेकिन इंजीनियरों का कहना है कि वह क्या करें. भीषण गर्मी के चलते रात 10 बजे के बाद ज्यादातर लोग अपने एसी चालू कर देते हैं. एसी चालू होते ही बिजली लाइन के ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है. ट्रांसफार्मर पर दो तीन गुना लोड होने की वजह से इसका फ्यूज उड़ जाता है. ज्यादा लोड बढ़ जाने से जंफर भी उड़ जाता है. मोहल्ले के किसी शख्स ने अगर बिजली विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी, तो बिजली विभाग के कर्मचारी मौके पर जाकर फ्यूज और जंफर पर ठीक कर देते हैं. इस प्रक्रिया में ही एक दो घंटा लग जाता है. तब तक भट्ठी बने घरों में बच्चे और बूढ़े गर्मी से बिलबिलाते रहते हैं. जुगसलाई, छोटा गोविंदपुर और मानगो के लोगों का अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक अरविंद कुमार से कई बार मिल चुका है. लेकिन बिजली विभाग इस समस्या का हल नहीं निकाल पा रहा है.
पिछले साल नहीं थी इतनी समस्यालोगों का कहना है कि पिछले साल भी इसी तरह की भीषण गर्मी पड़ी थी. लेकिन पिछले साल बिजली की आपूर्ति ठीक-ठाक चल रही थी. फ्यूज या जंफर उड़ने की समस्या नहीं हो रही थी. बिजली विभाग के कर्मचारी और अधिकारी चाक-चौबंद रहते थे. महाप्रबंधक को फोन करने पर रात को भी वह फोन उठाकर बिजली विभाग के अधिकारियों को संबंधित जगह जाकर बिजली चालू करने को कहते थे. इसके बाद बिजली चालू हो जाती थी. लेकिन जब से पूर्व महाप्रबंधक एके मिश्रा गए हैं. तब से हालत बेहद खराब है.