दिल्ली में आप-बीजेपी के बीच पोस्टर वार में चले कौन से तीर
पोस्टर वार के शुरुआती चरण में जहां आम आदमी पार्टी ने अपने पोसटरों के जरिए बीजेपी नेता व सीएम कैंडिडेट किरण बेदी व सीनियर लीडर जगदीश मुखी को निशाना बनाया. वहीं दूसरे चरण में और प्रचार के आखिरी दिनों में बीजेपी ने पूर्व सीएम व आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल को अपने पोस्टरों में निशाने पर लिया है. आइए एक नजर डालते हैं पोस्टर वार के उन तीरों पर जिनके जरिए दोनों पार्टियां एक दूसरे पर निशाना साध रही हैं.
पोस्टर वार में पहला तीर आम आदमी पार्टी ने छोड़ा. पार्टी ने अपने पोस्टर में बीजेपी के सीनियर लीडर जगदीश मुखी को निशाना बनाया. इस वक्त तक बीजेपी यह नहीं तय कर पाई थी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की कमान वह किसे सौंपे. चुनाव की तारीखें आना भी अभी बाकी था. यह पार्टी की प्रचार की उस रणनीति का हिस्सा था जिसने 2013 में उसे खासी कामयाबी दिलाई थी. ऑटोरिक्शा के पीछे लगे तत्कालीन सीएम व कांग्रेस नेता शीला दीक्षित को निशाना बनाते पोस्टर.
पोस्टर वार में दूसरा तीर भी आप ने ही छोड़ा. चुनाव की तारीखें आने के बाद बीजेपी के अचानक पूर्व आईपीएस किरण बेदी को पार्टी में शामिल करने और बहुमत मिलने पर उन्हें सीएम बनाए जाने की घोषणा से आप के खेमे में जरा बेचैनी हुई. इससे बाहर आते ही उसने अपने तरकश से नया तीर निकाला और चला दिया. पार्टी अपने नए 'अवसरवादी' पोस्टर के साथ सामने थी. इस बार निशाने पर कभी इंडिया अंगेस्ट करप्शन व अण्णा आंदोलन में सहयोगी रही व अब बीजेपी की ओर से सीएम पद की दावेदार किरण बेदी थीं.
2 फरवरी को बीजेपी ने पोस्टर वार में तीसरा तीर छोड़ा. पहले दो पोस्टरों के बाद खामोश रही आप इस बार हमलावर हो उठी. वहीं पार्टी के तमाम नेताओं सहित खुद अरविन्द केजरीवाल मैदान में उतर गए. अभी तक बीजेपी आप के पोस्टरों पर जवाब देती आई थी लेकिन इस बार पांसा पलट गया था. पोस्टर में गोत्र शब्द के इस्तेमाल को जहां अरविन्द अग्रवाल समाज के स्वाभिमान से जोड़कर मुद्दा बनाने की कोशिश में हैं वहीं बीजेपी अपने तरकश को फिर खंगाल रही होगी.पढ़ें: बीजेपी के विज्ञापन पर केजरीवाल का पलटवार