झारखंड में 41 सीटों पर भाजपा की बढ़त, जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी में टक्कर
कुछ अलग दिखा है जम्मू कश्मीर का राजनीतिक मूड
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अब तक सिर्फ तीन पार्टियों की ही सत्ता रही है, लेकिन इस बार वहां का राजनीतिक मूड कुछ अलग है. हो सकता है कि सूबे में भाजपा चौंकाने वाले नतीजे ला दे. हालांकि एग्जिट पोल में वहां किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है.
क्या कह रहा है एग्जिट पोल
सी-वोटर के चुनावी सर्वे के दौरान जम्मू कश्मीर में बीजेपी को 27 से 33 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई थी. वहीं पीडीपी को सबसे ज्यादा 38 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. अब ऐसे में जम्मू कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी. क्या उमर अब्दुल्ला बीजेपी के साथ होंगे. हालांकि उन्होंने अकेले चलने का ऐलान कर दिया है, लेकिन सियासत में कुछ भी पक्का नहीं होता. वहीं, महबूबा मुफ्ती की कांग्रेस संग मिलकर सरकार बनाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं. उमर अब्दुल्ला ने जब ट्वीट कर के अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न देने की बात कही तो वहीं चर्चा होने लगी कि जम्मू कश्मीर में वह बीजेपी की सियासी सहयोगी होने वाली है, लेकिन उन्होंने फौरन यह कह दिया कि वो किसी भी दल को अपना समर्थन नहीं देंगे. आखिर में अनुमान लगाया जा सकता है कि जम्मू कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा के आसार पक्के हो गए हैं. तो अब सवाल ये भी उठता है कि यहां सरकार कैसे बनेगी, किसकी बनेगी.
महबूबा मुफ्ती का कब्जा अभी भी दिल्ली में
उधर, महबूबा मुफ्ती पूरी तरह से दिल्ली में जमी हुई हैं. उनकी पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें भी मिलती दिखाई दे रही हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि तो क्या एक बार फिर कांग्रेस पीडीपी का साथ दे सकती है. इस बात की संभावना मजूबत है क्योंकि पीडीपी बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस की ओर हाथ बढ़ा सकती है. फिलहाल तस्वीर अभी भी धुंधली ही है.
झारखंड में बनेगी बीजेपी की सरकार!
वहीं दूसरी ओर एग्जिट पोल यह कह रहे हैं कि झारखंड में बीजेपी को 43 से 51 सीटें मिल सकती हैं. अगर ऐसा हो गया तो 13 साल में पहली बार झारखंड में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बना लेगी. इसका असर बिहार के चुनावों पर भी पड़ सकता है. झारखंड में 2005 और 2009 में हुए विधानसभा चुनावों में राज्य में त्रिशंकु विधानसभा का गठन हुआ था. गोरतलब है कि यहां पिछले 14 साल में 9 सरकारें बनीं हैं. लोकसभा चुनाव के बाद सूबे के हाथ से निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है. ऐसे में गौर करें तो सबसे पहले महाराष्ट्र और हरियाणा से कांग्रेस का सफाया हो गया. अब भाजपा इन दोनों ही सूबों में सत्ता चला रही है.