मिस्र: विद्रोहियों के खिलाफ कैबिनेट हुई सख़्त
इसी बीच मिस्र के अंतरिम प्रधानमंत्री ने मुस्लिम ब्रदरहुड को क़ानूनन भंग करने का प्रस्ताव रखा है. मुस्लिम ब्रदरहुड अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मोर्सी को फिर से सत्ता पर क़ाबिज़ करवाने के लिए तीन जुलाई के बाद से ही प्रदर्शन कर रहा है.मिस्र की अंतरिम सरकार मुस्लिम ब्रदरहुड को एकजुट होने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है.समाचार चैनलों की तस्वीरों में साफ तौर से देखा गया कि प्रदर्शनकारी कर्फ्यू को नजरअंदाज़ करते हुए मिस्र के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेक्जेंडरिया के साथ ही हेल्वान और मीन्या की सड़कों पर रात भर डटे रहे.अंतरिम प्रधानमंत्री हजीम बेबलावी ने बताया कि, "जो लोग खून खराबे में शामिल हैं और राज्य तथा उसके संस्थानों के खिलाफ जिन्होंने हथियार उठाए हैं, उनके साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा."
इससे पहले शविवार को गृह मंत्री ने कहा था कि देश भर में छापों के दौरान मुस्लिम ब्रदरहुड के 10.004 समर्थकों को हिरासत में लिया गया है. उनके पास से बम, हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किया गया है."जो लोग खून खराबे में शामिल हैं और राज्य तथा उसके संस्थानों के खिलाफ जिन्होंने हथियार उठाए हैं, उनके साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा."-हजीम बेबलावी, अंतरिम प्रधानमंत्री, मिस्रसरकार की सख्ती
मिस्र की सरकारी मीडिया के अनुसार सेना ने क़ाहिरा की उस मस्जिद को ख़ाली करा लिया है जिसमें मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थक डटे हुए थे.सुरक्षा बलों के मुताबिक़ तमाम प्रदर्शनकारियों को मस्जिद से हटा दिया गया है और कई को गिरफ़्तार भी किया गया है.एक बयान में सरकार ने कहा कि क़रीब ढाई सौ ब्रदरहुड समर्थकों के ख़िलाफ़ हत्या, हत्या के प्रयास और चरमपंथी हमले करने जैसे संगीन अपराधों की जाँच की जा रही है.शनिवार को क़ाहिरा की अल-फ़तह मस्जिद में डटे प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच गोलीबारी भी हुई. प्रदर्शनकारी यहाँ शुक्रवार से ही डटे हुए थे.प्रतिबंध
मिस्र में इस दौर की हिंसा बुधवार को शुरू हुई जब सुरक्षा बलों ने बख़्तरबंद गाड़ियों को मोर्सी समर्थकों की भीड़ वाले इलाक़ों में घुसा डाला. उसके बाद गोलीबारी हुई जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई.हालांकि मोर्सी समर्थकों का कहना था कि घटना में हज़ारों लोगों की मौत हुई लेकिन सरकार ने कहा कि उसमें 638 लोगों की मौत हुई थी.मारे जाने वालों में सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे.