मंदी की चोट यौनकर्मियों की कमाई पर भी
वेस्टमिनीस्टर सिटी काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक खराब आर्थिक हालात के कारण पहले के मुकाबले यौनकर्मी ग्राहकों से कम पैसे लेने को मजबूर हैं. रिपोर्ट के अनुसार न सिर्फ यौनकर्मियों की आमदनी कम हुई है बल्कि इससे उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है.
रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट में लिखा है कि कमाई में आई गिरावट के कारण अब यौनकर्मी किसी भी तरह के ग्राहक को लेने के लिए तैयार हो जाती हैं चाहे वो खतरनाक ही क्यों न प्रतीत होते हों. जिस कारण उनके साथ बलात्कर, यौन हिंसा और चोरी होने की आशंका बढ़ गई है.
यौन हिंसा की आशंका
आमतौर पर देखा गया है कि यौनकर्मी अपने साथ होने वाले अपराध पुलिस थाने में दर्ज नहीं करातीं. लंदन में काउंसर इयन राउली कहते हैं, “माँग में कमी और यौनकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण यौनकर्मियों के रेट में ज़बरदस्त गिरावट आई है और महिला यौनकर्मियों पर खतरा बढ़ गया है.”
रिपोर्ट में बताया गया है, “यौनकर्मियों के साथ बातचीत में पता चला कि पिछले कुछ सालों में उनके रेट में 50 फीसदी तक की कमी आई है. वेश्यालयों में जाकर काम करने वाली महिलाएँ एक घंटे में करीब 20 पाउंड यानी करीब 1600 रुपए कमाती हैं.
उन्हें एक शिफ्ट में छह ग्राहकों को देखना पड़ता है. जबकि विज्ञापनों के ज़रिए अपने स्तर पर काम करने वाली महिलाओं को 200 पाउंड प्रति घंटा तक मिल जाता है.”