Dussehra 2023 : भारत में दशहरा के अनूठे रंग, पूरे देश में फेमस है इन 5 शहरों का दशहरा
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Dussehra 2023 : दशहरा यानी कि विजयादशमी का पर्व पूरे देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है। दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के बतौर मनाया जाता है। देश में इस पर्व के अनूठे रंग देखने को मिलते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में यह अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कुछ लोग दशहरा को भगवान राम की रावण पर जीत के रूप में मनाते हैं और वहीं कुछ लोग इसे देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर नामक राक्षस के विनाश के रूप में मनाते हैं।
गुजरात का दशहरा
गुजरात का दशहरा भी काफी अनूठा है। यहां पर यह पर्व गरबा के साथ धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के बाद यहां पूरी रात गरबा खेला जाता है। इस दौरान पुरुष और महिलाएं सभी खूबसूरत पारंपरिक पोशाक पहनते हैं। गरबा में नृतक दो छोटे रंगीन डंडों को संगीत की लय पर आपस में टकराते हुए घूम-घूम कर नृत्य करते हैं।
कोलकाता का दशहरा
बंगाल के कोलकाता में दशहरा का एक अलग रंग दिखता है। यहां दुर्गा पूजा भव्य रूप से मनाई जाती है। दशहरा दुर्गा पूजा के अंतिम दिन का प्रतीक है। इस दिन कई अनुष्ठानों में, सबसे लोकप्रिय सिंदूर खेला है। सिंदूर खेला में विवाहित महिलाएं देवी दुर्गा को सिंदूर और मिठाई चढ़ाती हैं। इसके बाद फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू का दशहरा पूरे देश में फेमस है। यहां दशहरा पर भगवान रघुनाथ की पूजा होती है। ढालपुर मैदान में भव्य मेले का आयोजन होता है। ढालपुर मैदान में देवता अपनी पालकी में आते हैं। त्योहार दशहरा से शुरू होता है और सात दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। दिल्ली का दशहरा
उत्तर भारत में दिल्ली का दशहरा भी फेमस है। दिल्ली में बड़ी झांकियों से सजे हुए जलूस निकाले जाते हैं। झांकियों में रामायण से जुड़ी कहानियों और घटनाओं के मंचन होता है। रावण का पुतला दहन होता है। दशहरे पर भव्य मेले का आयोजन होता है। दिल्ली के अलावा यूपी बिहार में इस दिन रावण के पुतले दहन किए जाते हैं।
मैसूर का दशहरा
कर्नाटक के मैसूर का दशहरा भी चर्चित है। इस दिन यहां शाही परिवार द्वारा महल में देवी की पूजा के बाद एक भव्य जुलूस निकालता है। जुलूस, जिसे जंबू सावरी भी कहते हैं। इसमें भव्य झांकी, सजे हुए हाथी, विशाल कठपुतली, घोड़े और बहुत कुछ शामिल होता है। जुलूस शाही महल से शुरू होता है और बन्नी मंडप पर समाप्त होता है।