Dussehra 2022 : 5 अक्टूबर को है दशहरा, जानें शुभ समय और पूजन का मुहूर्त
Dussehra 2022 Date Time Puja Vidhi And Muhurat : पं. राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। दशहरा यानी कि विजयादशमी आश्विन शुक्ल दशमी को अपराह्न में मनाई जाती है। अपराह्न में श्रवण नक्षत्र इस तिथि के निर्णय का प्रमुख प्रयोजक है। इस वर्ष दशमी 4 अक्टूबर 2022 को अपराह्न व्यपिनी है और 5 अक्टूबर को दशमी अपराह्न से पहले ही 12:00 बजे समाप्त हो रही है। इस दिन अपराह्न काल 1:20 बजे के बाद पड़ रहा है। यहां श्रवण नक्षत्र केवल 5 अक्टूबर को ही अपराह्न में विद्यमान है। अतः इस वर्ष 5 अक्टूबर 2022,बुधवार को विजया दशमी मनाई जाएगी।इस दिन दशमी तिथि मध्यान्ह 12:00 बजे तक रहेगी श्रवण नक्षत्र रात्रि 9:14 बजे तक रहेगा। उसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र आरम्भ होगा। सुकर्मा योग सूर्योदय से प्रातः 8:21बजे तक रहेगा तत्पश्चात धृति योग आरम्भ होगा। मकर का चंद्र अहोरात्रि होगा।
खाता पूजन
मुहूर्त शात्रोक्त माध्यान्ह कालीन अभिजित मुहूर्त पूर्वाह्न 11:06 बजे से माध्यान्ह 12:14 बजे तक रहेगा।इस दिन प्रातः कालीन स्थिर वृश्चिक लग्न 9:05 बजे से 11:23 बजे तक रहेगी।इस लग्न में शुभ नामक चौघड़िया का समावेश भी होगा। मुहूर्त अपराह्न 3:12 बजे से 4:44 बजे इसमें चर एवं लाभ नाम के चौघड़िया का समावेश है। मुहर्त सांय 7:51 बजे से रात्रि 9:46 बजे तक रहेगा।
विजय मुहुर्त दोपहर में
स्कन्द पुराण के अनुसार इस पर्व के लिए श्रवण नक्षत्र युक्त, प्रदोष व्यापनी, नवमी विद्धा दशमी प्रशस्त होती है। अपरान्ह काल, श्रवण नक्षत्र तथा दशमी का आरम्भ ही विजय योग माना गया है। इस दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा,धृति योग पूरे दिन रहेगा। निर्णय सिंधु ग्रंथ के अनुसार विजय मुहुर्त 05 अक्टूबर 2022 को दोपहर में है। इस पर्व के प्रमुख कर्म में दुर्गा विसर्जन,अपराजिता पूजन, विजय-प्रयाण, शमी पूजन तथा नवरात्रा पारण है। आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी में विजय मुहुर्त का ही विशेष महत्व है। इस दिन स्वयं सिद्ध मुहुर्त में विजय मुहुर्त दोपहर 02:04 बजे से अपरान्ह 02:51 बजे तक रहेगा। स्वयं सिद्ध मुहुर्त में लग्न शुद्धि का विचार नहीं माना जाता है। इस मुहूर्त में खाता बसना कुबेर आदि का पूजन करना शुभ रहेगा।इस दिन स्वयं सिद्ध मुहुर्त होने के कारण नवीन उद्योगों का आरम्भ, वाहन खरीदना, समस्त कार्यों का शुभारम्भ सफलतादायक एवं लाभदायक रहेगा। अत: उपरोक्त चौघडिया मुहुर्त एवं स्थिर लग्न में खाता पूजन आदि करना अत्यन्त शुभ रहेगा।
Dussehra 2022 : रावण के 10 सिर इन 10 बातों के हैं प्रतीक, जानें दशहरे से जुड़ी ये खास बातें