सरकार ने कृषि स्वास्थ्य और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग 1 दिसंबर से करने की अनुमति दी है।हालांकि अभी इससे खाने-पीने के आइटम की डिलीवरी नहीं होगी।

नई दिल्ली (पीटीआई)। ड्रोन नीति के मुताबिक निजी ड्रोन का परिचालन सिर्फ दिन में किया जा सकेगा।ड्रोन तकनीक के व्यावसायिक इस्तेमाल की मंजूरी सिर्फ वहीं तक उड़ाने की मिली है जहां तक नजर पहुंच सके। आम तौर पर नजर की पहुंच 450 मीटर तक होती है। नैनो ड्रोन और राष्ट्रीय तकनीकी शोध संगठन और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को छोड़ सभी ड्रोन का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद विशेष पहचान संख्या (यूआईएन) जारी की जाएगी। ड्रोन को हवाई अड्डे के चारों ओर, अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास, तट रेखा के पास, राज्य सचिवालय परिसरों में भी इसको उड़ाने की अनुमति नहीं है।
इन जगहों पर नहीं उड़ाया जा सकेगा ड्रोन
इसके अलावा सामरिक ठिकानों, अहम सैन्य प्रतिष्ठानों और राजधानी में विजय चौक के आसपास इसे नहीं उड़ाया जा सकता है। नियमों को सार्वजनिक करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, हमारे प्रगतिशील नियमनों से भारत निर्मित ड्रोनों के उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। केरल जैसे हालात अच्छे से काबू किए जा सकते हैं। आने वाले सालों में  ड्रोन का बाजार एक खरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। नियमों के मुताबिक, शादी समारोह में तस्वीर लेने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।ड्रोन का रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही और उड़ाने की परमीशन 'डिजिटल स्काई प्लेटफार्म'  के जरिए ली जाएगी।

खाने पीने का सामान ले जाने की अनुमति नही

यह स्थानीय पुलिस से कनेक्ट रहेगा और यह पहला डिजिटल तंत्र है जो 'अनुमति नहीं तो उड़ान नहीं'  सिस्टम पर काम करेगा। 250 ग्राम वजन वाले और 50 फीट तक उड़ान भरने वाले नैनो ड्रोन के लिए स्थानीय पुलिस अनुमति अनवार्य नहीं है। वहीं 200 फीट तक उड़ने वाले माइक्रो ड्रोन और 450 फीट या इससे अधिक तक उड़ने वाले छोटे ड्रोनों को पुलिस से परमीशन लेना जरूरी होगा। एक सरकारी बयान में कहा गया है, अनधिकृत उड़ानों को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए  डिजिटल परमिट के बिना कोई भी ड्रोन उड़ान भरने में सक्षम नहीं होगा। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा अभी खाने- पीने का सामान ले जाने की अनुमति नही है।
सजा दिए जाने का भी प्रावधान किया गया
हालांकि साथ ही संकेत दिया कि नियमों के दूसरे सेट में परीक्षण के परिणाम के आधार पर उनकी डिलीवरी की अनुमति हो सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि प्रयोजनों के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन जब तक स्पष्ट न हो तब तक कीटनाशकों का छिड़काव नहीं किया जा सकता है।  विस्फोटक, जानवरों और इंसानों को भी इनमें ले जाने की अनुमति नही होगी। ड्रोन से जुड़े नियम तोड़ने पर आईपीसी विभिन्न धाराओं के तहत  लाइसेंस का निलंबन, जुर्माना और सजा दिए जाने का भी प्रावधान है। सरकार ने देश भर में  23 ऐसी जगहों को चिन्हित किया है जहां ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकेगा। ड्रोन टास्क फोर्स जल्द ही ड्रोन नियमन 2.0 का भी ड्राफ्ट पेश करेगा।

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Posted By: Shweta Mishra