भारत जैसे देशों में जहां सड़कों पर ट्रैफिक रूल्‍स फॉलो न करने और खतरनाक तरीके से ड्राइविंग के कारण एक्‍सीडेंट होना आम बात हो गई है वहीं अमेरिका के कई शहरों में आजकल ड्राइवरलेस कारों की टेस्टिंग चल रही है। इसी दौरान एक Uber कंपनी की एक ड्राइवरलेस कार ने अमेरिका के टेंपे शहर में सड़क पार कर रही है एक बुजुर्ग महिला को कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद से ड्राइवरलेस कारों की उपयोगिता और खतरे को लेकर एक बार फिर बहस शुरु हो गई है।

ऊबर अमेरिका में कर रहा है ड्राइवरलेस कारों का रोड टेस्ट

बता दें कि दुनिया की फेमस रेंट कैब कंपनी ऊबर आजकल अमेरिका के कई राज्यों में ड्राइवरलेस कारों का रोड टेस्ट करने में लगी हुई है, लेकिन उसी दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। अमेरिका के एरीजोना राज्य के Tempe शहर में ऊबर की एक ड्राइवरलेस कार ने रोड टेस्ट के दौरान 49 साल की एक महिला Elaine Herzberg को जोरदार टक्कर मार दी, महिला उस वक्त अपनी साइकिल पर सड़क पार करने की कोशिश कर रही थी। हादसे में बुरी तरह घायल हुई इस महिला की अस्पताल ले जाते वक्त मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह महिला रोड पर निर्धारित जगह की बजाय किसी अन्य जगह से रोड पार करने की कोशिश रही थी, तभी इस कार ने उसे जोरदार टक्कर मार दी। इस घटना के बाद से एक ओर तो ड्राइवरलेस कारों की विश्वसनीयता को लेकर बहस छिड़ गई है, वहीं दूसरी ओर ऊबर कंपनी के सीईओ Dara khosrowshahi ने टि्वटर पर इस महिला की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि इस घटना को लेकर हम पूरी तरह से महिला के परिवार संग खड़े हैं और घटना की जांच में टेंपे पुलिस का पूरा सहयोग करेंगे।


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ड्राइवरलेस कार की विश्वसनीयता पर पुलिस ने उठाए सवाल

टेंपे पुलिस ने अपने बयान में बताया है कि इस एक्सीडेंट में शामिल ऊबर की कार पूरी तरह से ऑटोनॉमस Volvo XC90 है, जो घटना के वक्त पूरी तरह से ऑटो मोड में चल रही थी। पुलिस ने इस ड्राइवरलेस कार के सिस्टम पर संदेह जताते हुए बताया कि घटना के वक्त कार की स्पीड ज्यादा नहीं थी, लेकिन फिर भी महिला को बचाने के लिए कार ने ठीक से ब्रेक क्यों नहीं मारी? हालांकि उस वक्त ड्राइविंग सीट के पीछे एक ऑपरेटर बैठा हुआ था, लेकिन वो भी इस एक्सीडेंट को क्यों नहीं रोक सका। फिर भी पुलिस का कहना है कि इस एक्सीडेंट के बाद कार में बैठे ऑपरेटर ने पुलिस जांच में पूरा सहयोग किया। इस घटना के फौरन बाद ऊबर ने अमेरिका और कनाडा के Phoenix, Pittsburgh, San Francisco और Toronto में अपनी ड्राइवरलेस कारों की टेस्टिंग पूरी तरह से रोक दी है।


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कैसे काम करती है ड्राइवरलेस कार

आपको बता दें कि ड्राइवरलेस कारें और ट्रक वो गाडि़यां हैं जिन्हें रोड पर चलाने और कंट्रोल करने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं पड़ती। ये कारें खुद में लगे हाईटेक सेंसर, सॉफ्टवेयर और नेविगेशन प्रोग्राम के दम पर सड़कों पर चल सकती हैं। इन कारों को autonomous या driverless कहा जाता है और सड़क पर चल रहे ट्रैफिक के अनुसार अपनी दिशा और स्पीड तय करती हैं। पूरी दुनिया में ड्राइवरलेस कारें अब तक कहीं भी पूरी तरह ऑपरेशनल नहीं हैं। सिर्फ अमेरिका के कुछ शहरों में ऊबर कंपनी पार्टियल ड्राइवरलेस मोड में कारों की टेस्टिंग कर रहा है। इन कारों की ड्राइविंग सीट के बगल में एक ह्यूमन ऑपरेटर बैठता है, जो इमरजेंसी कंडीशन में कार को मैनुयली ऑपरेट करता है, ताकि किसी दुर्घटना से बचा जा सके। हालांकि अमेरिका में हुए एक्सीडेंट में ऑपरेटर भी कार को काबू न कर सका।

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Posted By: Chandramohan Mishra