अगर केंद्रीय खेलमंत्री विजय गोयल की बात करें तो उनका कहना है कि खिलाड़ियों को डोपिंग की तरफ बढ़ते कदम रोकने के लिए इसे एक दण्‍डनीय अपराध की श्रेणी में लाया जाना चाहिए। इस दिशा में सरकार कुछ सख्‍त कदम उठाने की योजना बना रही है।

बन रही है सख्त कार्यवाही की योजना
केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने स्कूली स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों का डोप परीक्षण करने पर जोर देते हुए शुक्रवार को यहां कहा कि खिलाडिय़ों के अंदर डर पैदा करने के लिए डोपिंग को दंडनीय अपराध की श्रेणी में लाएंगे। गोयल ने कहा, 'हम डोपिंग को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखने जा रहे हैं। हमारा मकसद खिलाडिय़ों को जेल भेजना नहीं, बल्कि उनके मन में डर पैदा करना है, ताकि वे प्रतिबंधित दवाइयों का सेवन नहीं करें।
खेलों को ऐसी बुराई से रखना है दूर
विजय गोयल ने इस बात पर आगे कहा कि सरकार खेलों को पूरी तरह से डोपमुक्त चाहती है और इसलिए हम कुछ सख्त कदम उठाने के साथ ही खिलाडिय़ों को  शिक्षित भी करना चाहते हैं। उनका मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी डोपिंग के बारे में जानते हैं और इसलिए इस संबंध में हम उनके हस्ताक्षर लेंगे और परीक्षण संबंधी पूरी प्रक्रिया की फिल्म बनाएंगे। खेल मंत्री ने स्वीकार किया कि स्कूलों और कॉलेजों में डोप का चलन बढ़ा है और इसके लिए उनका मंत्रालय कुछ ठोस कदम उठाएगा।

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Posted By: Molly Seth