तेंदुलकर की कप्तानी पर बोले मदन लाल, नहीं मानता कि सचिन थे खराब कप्तान
नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारत के पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने कप्तान के रूप में सचिन तेंदुलकर के संक्षिप्त कार्यकाल के बारे में बात की है और कहा है कि सचिन एक बेहतर लीडर थे। सचिन ने 1996 और 2000 के बीच 73 वनडे और 25 टेस्ट में भारत की कप्तानी की। उनके नेतृत्व में, भारत ने 23 एकदिवसीय मैच जीते और 43 मैच हारे। वहीं टेस्ट में उनके नाम 4 जीत आईं और 9 बार हार मिली। ऐसे में सचिन को अच्छा कप्तान कैसे कहा जाए, इस पर मदन लाल ने कहा, "मैं इस बात से सहमत नहीं होता कि वह एक महान कप्तान नहीं थे। वह अपने प्रदर्शन को लेकर काफी सतर्क रहे। हां उन्हें एक दिक्कत आई कि वह टीम को उस दिशा में नहीं ले जाए पाए, जहां वो चाहते थे।सचिन के अंदर खेल की अच्छी समझ थी
मदन लाल ने फेसबुक लाइव सत्र के दौरान स्पोर्ट्सकीडा को बताया, "क्योंकि एक कप्तान के रूप में आपको न केवल अपने प्रदर्शन को देखने आवश्यकता होती है, बल्कि अन्य 10 खिलाड़ियों से भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकालने की जिम्मेदारी होती है। यह महत्वपूर्ण है कि आप उन्हें कैसे प्रबंधित करते हैं।" सचिन में खेल को समझने और बताने की बहुत अच्छी गुणवत्ता थी। खिलाड़ी जहां वे गलत हो रहे थे या गेंदबाजी कैसे करनी थी। उन्होंने सब बताया। मगर परिणाम उनके पक्ष में नहीं रहे। उन्होंने कहा, "वह इन सभी चीजों में शानदार थे। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि आप अपने खेल पर इतना ध्यान देते हैं कि आपकी कठिनाइयां कम हो जाती हैं। ऐसा नहीं था कि वह एक अच्छे कप्तान नहीं थे।" दादा को कहा था ओपनिंग करने के लिएलाल ने यह भी कहा कि भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपने शुरुआती दिनों में मिडिल ऑर्डर में संघर्ष कर रहे थे। एक बार जब उन्हें ओपनिंग का मौका मिला तो परिस्थिति बदल गई। मदन कहते हैं, "हम दादा का उपयोग करना चाहते थे। उन्हें याद है कि नहीं, मगर एक बार मैंने गांगुली से कहा था कि आप नंबर 5 की बजाए सीधे ओपन करें।हर खिलाड़ी की अपनी शैली होती है। गांगुली के पास सभी स्ट्रोक थे। हर बल्लेबाज को रन बनाने के लिए कुछ समय चाहिए। यदि आप कुछ ओवर सिर्फ एक-दो रन बनाकर खेलते हैं, बाद में आप चढ़ाई कर सकते हैं।सचिन-गांगुली की जोड़ी रही सुपरहिट
पूर्व भारतीय क्रिकेर लाल ने कहा, 'आपको परिस्थितियों से निपटने की जरूरत है। आज भी, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाज कुछ समय लेते हैं।" सचिन और सौरव की साझेदारी भारत के लिए वास्तव में लोकप्रिय रही है - दोनों ने भारत के लिए बहुत सारे मैच जीते। उन्होंने कहा, "मैं उस समय कोच था। मुझे याद है कि श्रीलंका दौरे के दौरान मैंने उसे यह बताया होगा।