आज भी समाज में बहुत सी ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं। जिनसे महिलाओं व लड़कियों के मन में यह सवाल जरूर उठते हैं कि ये काम केवल पुरुष ही क्‍यों करते हैं। उन पुरुष प्रधान कामों में एक कार्य है गणेश-विसर्जन का। आखिर जब पूजा का अधिकार सबको है तो फिर गणेश-विसर्जन का अधिकार केवल मर्दों को ही क्यों हैं? आइए जानें इसके पीछे की वजहें...

विजर्सन का अधिकार
गणेश विसर्जन ही नहीं भारत में हर विजर्सन का अधिकार पुरुष जाति को ही है। विसर्जन को अंतिम संस्कार से जोड़ा जाता है। ऐमें यहां पर हिंदू रिवाजों के अनुसार जैसे पुरुष मनुष्य के अंतिम संस्कार को पूर्ण करते हैं उसी प्रकार गणेश जी के विसर्जन का अधिकार भी सिर्फ उनके पास ही है।


भक्तगण मस्ती में
वहीं गणेश विसर्जन पुरुषों के द्वारा किए जाने के पीछे यह भी माना जाता है कि विसर्जन के समय भक्तगण मस्ती में डूबे रहते हैं। इस दौरान लोग भांग, गांजा व मदिरा पान आदि करते हैं। जिससे विसर्जन के समय महिलाओं और लड़कियों को नहीं शामिल किया जाता है।


टोना-टोटका होता

एक वजह यह भी कही जाती है कि विसर्जन के समय लोग कई बार ऐसे स्थानों पर भी जाते हैं, जहां पर टोना-टोटका होता है। ऐसे में महिलाओं व लड़कियों का ऐसे स्थानों पर जाना कई बार खतरनाक हो जाता है। वे जल्दी इनके निशानों पर आ जाती हैं। इसलिए इनको नहीं ले जाया जाता है।

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Posted By: Shweta Mishra