हिन्दू देवी-देवताओं के अवतार में बड़ी रहस्‍यात्‍म बातें पता चलती हैं। जिनको लेकर लोगों के दिमाग में विचार में आते हैं कि आखिर यह कैसे हुआ। ऐसे में ही अक्‍सर मन में उठने वाला एक सवाल भगवान विष्‍णु से जुड़ा है कि विष्‍णु जी के नीले रंग का क्‍या मतलब है। हो सकता आपको भी इसकी वजह न पता हो तो चलो हम बता देते हैं...


अकाश से जुड़ाभगवान विष्णु के बहुत से चित्रों में यह देखने को मिलता है कि वह नीले रंग के हैं, लेकिन बहुत कम लोग भगवान विष्णु के इस नीले रंग के रहस्य को जानते हैं। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक भगवान विष्णु का ये नीला रंग लोगों को जीवन के प्रति एक साकारात्मक नजरिया देता है। इसका जीवन के उतार चढ़ाव पर भी खास असर पड़ता है। साथ ही इसे आकाश से जोड़ा जाता है क्योंकि नीला रंग आकाश का प्रतीक है। ऐसे में जिस प्रकार आकाश की कोई परिभाषा और अंत नहीं। इसके विशाल आकार के नीचे सबकुछ ढक जाता है। ठीक उसी तरह जीवन का कोई अंत नही हैं। जीवन में नीला रंग
सबसे खास बात तो है कि भगवान विष्णु समुद्र में देवी लक्ष्मी के साथ निवास करते हैं। इसलिए समुद्र के जल का रंग भी नीला है। इसके पीछे यह भी संदेश दिया जाता है कि जिस तरह पानी हर एक चीज को अपने में अंदर घोलने के बाद भी अपने अस्तित्व को मिटने नहीं देता ठीक उसी तरह जीवन भी जीना चाहिए। जीवन के प्रत्येक क्षण को आनंद पूर्वक जीना चाहिए। हर परिस्थिति में सामजस्य बैठाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसे में अगर कभी किन्हीं परिस्थितियों में आपका मन घबराए तो भगवान विष्णु का ध्यान जरूर करना चाहिए। जिससे मन और मस्ितष्क दोनों को शांति मिलती है।

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Posted By: Shweta Mishra