स्‍लिम और फिट रहने के लिए लोग अक्‍सर शुगर फ्री प्रोडेक्‍ट इस्‍तेमाल करते हैं। क्‍या आपने कभी सोचा है कि मीठा होने के बावजूद किसी खाद्य को शुगर फ्री क्‍यों कहा जाता हैं। दरसल शुगर फ्री होने का असली मतलब क्‍या है। और से उसका आपकी सेहत से क्‍या रिश्‍ता है।

शुगर फ्री की जरूरत क्या है
अक्सर लोग फिटनेस की चाह में मोटापा बढ़ने से रोकने के लिए कम शक्कर या शुगर फ्री चीजे खाते हैं। क्योंकि लोगों का मानना है कि शक्कर से फैट बढ़ता है। ऐसे में जब मीठे के शौकीन लोगों की मिठाई खाने की इच्छा होती है तो शुगर फ्री प्रोडेक्टस को खाते हैं।
शुगर फ्री में भी होती है शक्कर
अगर आप सोचते हैं कि शुगर फ्री खाद्य पदार्थों में शक्कर नहीं है, तो ये सही नहीं है। वास्तव में यह सिर्फ किसी प्रोडेक्ट को प्रमोट करने के लिए कही जाती है।  जिन खाद्य पदार्थ में शक्कर नहीं होने की बात की जाती है उनमें भी अन्य तरह की शक्कर शामिल होती है, जैसे ग्लूकोज और माल्ट चीनी आदि। यानि फ्री का मतलब बिल्कुल नहीं से अलग होता है। अगर किसी प्रोडेक्ट पर शुगर फ्री लिखा हुआ है, और उसमें शक्कर की मात्रा केवल प्रति सौ ग्राम में 0.5 ग्राम से कम है, तो ये ठीक है।
शुगर फ्री मतलब कम कैलोरी नहीं
शुगर फ्री का मतलब कैलोरी फ्री नहीं है। शुगर फ्री के नाम पर जमकर मिठाइयां खाना नुकसानदेय हो सकता है। इनमें खोया, क्रीम आदि की कैलोरी भी शामिल होती हैं, जो शुगर अनियंत्रित कर सकती है। अजिन खाद्य 40-60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 20 प्रतिशत प्रोटीन और 30 प्रतिशत या कम वसा है वो डायबीटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित होते हैं।

 

 

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Posted By: Molly Seth