भारत और पाकिस्‍तान को एक सीमा रेखा अलग करती है। जिसे एलओसी का नाम दिया गया। क्‍या आप को पता है कि इस सीमा रेखा का जन्‍म कैसे हुआ। कैसे इसका नाम एलओसी पड़ा। कैसे दोनों देशों के बीच इतनी लंबी सीमा रेखा को जगह मिली। अगर आप को जानकारी नही है तो कोई बात नहीं हम आप को बताएंगे लाइन ऑफ कंट्रोल के बारे में।


1- इंडिया और पाकिस्तान को अलग करने वाली लाइन को एलओसी कहा जाता है। यह लाइन ब्रिटशि बैरिस्टर सर क्राल रेडक्लिफ के द्वारा ब्रिटिश सेटअप बाउंड्री कमीशन लेड के तहत बनाई गई थी। यह गुजरात और राजस्थान को पाकिस्तान के सिंधु प्रांत से अलग करती है। पूर्व पकिस्तान से लेकर पश्चिम पाकिस्तान तक यह लाइन बाघा बार्डर कहलाती है। जम्मू कश्मीर को खैबर पख्तकुआं उत्तर पश्चिम सीमांत क्षेत्र में आते हैं।
3- यह लाइन जम्मू और कश्मीर के राज्यों को भी बांटती है। जम्मू, कश्मीर वैली, लद्दाख और आजाद कश्मीर एवं गिल्ट-बाल्टिस्तान जो कि पाकिस्तान द्वारा अधिकृत क्षेत्र है। पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रा गांधी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष जुल्फियर अली भुट्टो के साथ 1972 में शिमला समझौता किया जिसके बाद पाकिस्तान और भारत को अलग करने वाली लाइन का नाम लाइन ऑफ कंट्रोल पड़ा। एलओसी गुजरात से लेकर अखनूर रेंज की जम्मू वैली तक एनजे 9842 तक है। भारत और पाकिस्तान का यह बार्डर विश्व के सबसे खतरनाक बार्डरों में से एक है।

Posted By: Prabha Punj Mishra